1999 से घर में बना रहे हैं लैंप अब हो रही लाखों की कमाई
1999 से घर में बना रहे हैं लैंप अब हो रही लाखों की कमाई
Lamp work in Ghaziabad: गाजियाबाद के चंदन शर्मा स्वरोजगार के लिए लैंप बनाने का कार्य करते हैं. इस कार्य में उनके साथ 9 लोग हैं. जहां महीनें में वह लगभग 1600 लैंप तैयार कर लेते हैं. इस लैंक के कारोबार से वह सालाना 15 लाख का टर्नओवर करते हैं.
विशाल झा /गाजियाबाद: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई योजना (MSME Schme) के तहत लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत लोगों को स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसमें लोग निर्माण से संबंधित कोई भी छोटा-मोटा उद्योग शुरू कर सकते है. गाजियाबाद के चंदन सिंह असवाल भी अस्वल हैंडीक्राफ्ट नामक अपनी छोटी सी कंपनी चलाते हैं.
चंदन अपने घर में ही लैंप बनाने का कार्य करते हैं. यह लैंप डेकोरेटिव और आकर्षित होती है. इनका मानना है कि उनके लैंप का देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी भारी संख्या में एक्सपोर्ट किया जाता है. त्योहारों के समय इन लैंपों की मांग बढ़ जाती है.
सालाना लाखों का है टर्नओवर
चंदन बताते हैं कि उनका कुल 11 लोगों की टीम है. लैंप बनाने के लिए सबसे पहले कपड़े की कटिंग होती है. फिर नीचे और ऊपर की प्लेट लगती है. इसके बाद ऊपर का कपड़ा फाइनल किया जाता है. महीने में लगभग 1500-1600 लैंप बनाए जाते हैं. इसकी क्वालिटी कपड़े पर निर्भर करती है. कपड़ा जितना महंगा होता है, लैंप भी उतना ही महंगा होता है. परिवार काफी सहयोग करता है धर्मपत्नी लैंप बनाने में मदद करती हैं और बच्चे सोशल मीडिया पर मार्केटिंग का काम करते हैं. सालाना 14 -15 लाख की कमाई हो जाती है.
वेस्टर्न कल्चर की बढ़ रही डिमांड
अगर ग्राहक ऐसे लैंप खरीदना चाहते हैं तो वह दिल्ली एनसीआर में डायरेक्ट दुकान पर आकर भी खरीदारी कर सकते है. वरना सोशल मीडिया पर भी असवाल हैंडीक्राफ्ट के नाम से पेज बनाए गए है. वर्ष 1999 से ही चंदन लैंप बनाने का काम कर रहे है. पहले लोग लैंप लाइट के प्रति कम जागरूक थे, लेकिन अब यह हर घर की डिमांड बन गई है. बढ़ते हुए वेस्टर्न कल्चर का उद्योग पर भी असर पड़ता है. एमएसएमई के तहत बहुत सारे लोगों को मार्केट में नए आइडिया लाने का मौका मिला है.
Tags: Ghaziabad News, Ghaziabad News Today, Local18FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 14:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed