त्रेता युग में यहां लगती थी प्रभु राम की कचहरी आज हिंडोली पर विराजमान होकर

Ram Mandir: त्रेता युग में प्रभु राम जिस स्थल पर लोगों की समस्या का निवारण करते थे, जहां अपनी कचहरी लगाया करते थे. लोगों की समस्या सुना करते थे, उनकी समस्या का हल निकाला करते थे. आज इस राम कचहरी मंदिर में राजाराम माता जानकी के साथ हिंडोली पर विराजमान होकर अद्भुत दर्शन दे रहे हैं. हजारों की संख्या में भक्त भी झूला झूल कर मंत्र मुग्ध हो रहे हैं.

त्रेता युग में यहां लगती थी प्रभु राम की कचहरी आज हिंडोली पर विराजमान होकर
अयोध्या: सरयू तट पर स्थित प्रभु राम की नगरी अयोध्या मठ मंदिरों की वजह से पूरे विश्व में विख्यात है. अयोध्या में राम जन्मभूमि के अलावा प्रभु राम के और भी कई ऐतिहासिक धरोहर स्थित हैं. वैसे तो अयोध्या में लगभग 8000 मठ मंदिर हैं. हर मठ मंदिर की अपनी अलग परंपरा अलग मान्यता हैं विशेष पर्व और उत्सव में इन मठ मंदिरो की सजावट राम भक्तों को मोहित कर देती है. सावन का पवित्र महीना चल रहा है और सावन के इस पवित्र महीने में मठ मंदिरों में विराजमान सियाराम सरकार झूले का आनंद ले रहे हैं. भक्त उनको झूला-झूला रहे हैं तो मठ मंदिर के पुजारी और महंत शाम के समय कजरी गीत सुना कर भगवान को रिझा रहे हैं. आज हम आपको इस रिपोर्ट में उस मंदिर के बारे में बताएंगे. जहां त्रेता युग में प्रभु राम कचहरी लगाया करते थे आज भी उस मंदिर में राजाराम माता जानकी के साथ हिंडोली पर विराजमान होकर अद्भुत दर्शन दे रहे हैं. यहां है श्रीराम की कचहरी त्रेता युग में प्रभु राम जिस स्थल पर लोगों की समस्या का निवारण करते थे, जहां अपनी कचहरी लगाया करते थे. लोगों की समस्या सुना करते थे, उनकी समस्या का हल निकाला करते थे. आज इस राम कचहरी मंदिर में राजाराम माता जानकी के साथ हिंडोली पर विराजमान होकर अद्भुत दर्शन दे रहे हैं. हजारों की संख्या में भक्त भी झूला झूल कर मंत्र मुग्ध हो रहे हैं. कई वर्षों से चली आ रही परंपरा राम कचहरी मंदिर के महंत शशिकांत दास ने बताया कि राम कचहरी मंदिर वह स्थान है. जहां त्रेता युग में प्रभु राम कचहरी लगाते थे. लोगों की समस्या का निवारण करते थे. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर प्रभु राम लोगों की समस्या सुनते थे. आज कलयुग में जब प्रभु राम अपने मंदिर में विराजमान हो चुके हैं, तो मंदिर से मात्र 50 मीटर की दूरी पर ही प्रभु राम हिंडोली पर विराजमान होकर अद्भुत दर्शन दे रहे हैं. सावन माह में अयोध्या के सभी मठ मंदिर में सियाराम झूले पर विराजमान होते हैं. भगवान को शाम के समय कजरी गीत सुनाया जाता है. भक्त उनको झूला-झुलाते हैं. यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. Tags: Ayodhya News, Local18FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 17:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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