डॉक्टर का प्यार बच्चों को देता है ममता वाली फीलिंग जानें एक्सपर्ट की राय
डॉक्टर का प्यार बच्चों को देता है ममता वाली फीलिंग जानें एक्सपर्ट की राय
पीजीआईसीएच में में भारत के कोने-कोने से ही नहीं विदेशों से पेरेंट्स अपने बच्चों की गंभीर बीमारीओं का इलाज कराने आते हैं. इसमें तैनात बाल चिकित्सक डॉ. नीता राधा कृष्ण का पीडियाट्रिक्स में करीब 15 साल से ज्यादा का अनुभव है. हर रोज वो 50 से 60 बच्चों का इलाज करती है.
सुमित राजपूत/नोएडा: नोएडा के सेक्टर 30 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ ( पीजीआईसीएच) नॉर्थ इंडिया का इकलौता और भारत का दूसरा अस्पताल है. जो सिर्फ बच्चों के लिए बनाया गया है. इस अस्पताल में भारत के कोने-कोने से ही नहीं विदेशों से पेरेंट्स अपने बच्चों की गंभीर बीमारीओं का इलाज कराने आते हैं. इसमें तैनात बाल चिकित्सक डॉ. नीता राधा कृष्ण का पीडियाट्रिक्स में करीब 15 साल से ज्यादा का अनुभव है. हर रोज वो 50 से 60 बच्चों का इलाज करती है.
इस अस्पताल में दर्जनो बच्चे ब्लड कैंसर जैसी घातक बीमारी का इलाज करा रहे हैं. सैकड़ों बच्चों का यहां इलाज चल रहा है. जिन्हें समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श के लिए आना होता है. कई महीने और सालों तक जब कोई बीमार बच्चा जिस डॉक्टर से अपना इलाज कराता उससे बच्चे और पेरेंट्स का जुड़ाव हो जाता है.
बच्चों और एडल्ट के इलाज में है काफी अंतर
डॉ. नीता राधा कृष्ण अपने बारे में बताती हैं कि घर में माहौल की वजह से बचपन से ही उन्हे डॉक्टर बनने का शौक था. जिसके लिए उन्होंने एमबीबीएस किया. लेकिन पीडियाट्रिक्स का उन्हे तब ख्याल आया जब उन्हें पीडियाट्रिक्स में पोस्टिंग मिली. उन्हे लगा की एडल्ट के मुकाबले बच्चे जब घर ट्रीटमेंट के बाद जाते हैं, और वो ठीक होते हैं तो एक अलग ही फीलिंग होती हैं. इसके साथ ही उन्हे लगा की पीडियाट्रिक्स प्रैक्टिस में और एडल्ट प्रैक्टिस में बहुत सारी चीज़ें हैं जो अलग है.
बच्चों के लिए नॉर्थ इंडिया का पहला अस्पताल है PGICH
आपको बता दें कि भारत में सिर्फ दो ऐसे इंस्टीट्यूट हैं जहां सिर्फ बच्चों के ब्लड से रिलेटेड कैंसर जैसे घातक बीमारियो का इलाज किया जाता है. पहला पुणे में और दूसरा नोएडा. नोएडा में यह इंस्टीट्यूट 2017 में चालू किया गया. डॉक्टर नीता बताती हैं कि ये मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है जहां वो फिलहाल पीडियाट्रिक, हेमेटोलॉजी – ऑन्कोलॉजी में एडिशनल प्रोफेसर एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट हैं. यहां पर हर रोज 50 से 60 बच्चो को देखती हैं. डॉक्टर नीता राधाकृष्ण बताती हैं कि हमारे इस अस्पताल में भारत के हर राज्य से और विदेशों से बच्चें इलाज कराने के लिए आते हैं.
डॉक्टर्स डे पर लगातार 2 साल मिला अवॉर्ड
वहीं इस उपलब्धि के बारे में डॉ. नीता राधाकृष्ण ने बताया कि डॉक्टर्स डे पर मुझे लगातार दो साल अवॉर्ड मिला है. पहली साल रोटरी के द्वारा जबकि दूसरे साल रॉट्रेक के द्वारा दिया गया. इसके साथ ही बेस्ट टीचर अवॉर्ड से संस्था ने उन्हें इस साल सम्मानित किया है. इसके साथ ही इन्होंने बताया कि अगर किसी को बचपन में कोई गंभीर बीमारी होती है तो ये बड़ा जोखिम और धैर्य का काम होता है. डॉक्टर और पेरेंट्स दोनो बच्चे की बीमारी के खिलाफ लड़ते हैं. कई-कई महीनो और सालों जब इलाज चलता है तो बच्चे के साथ एक पेरेंट्स वाली फीलिंग जुड़ जाती है.
Tags: Greater noida news, Health News, Life18, Medical, Medical18, Noida news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 15:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed