UP के करुणाकर ने किया कमाल ऑल इंडिया 39वीं रैंक पाकर बढ़ाया इस इलाके का मान
UP के करुणाकर ने किया कमाल ऑल इंडिया 39वीं रैंक पाकर बढ़ाया इस इलाके का मान
Karunakar all india rank upsc: करुणाकर ने ऑल इंडिया रैंक में 39 वां स्थान हासिल किया. उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. करुणाकर पांडे ने बताया कि, यह सफलता कई दिनों की मेहनत और तपस्या के बाद मिली है...
रजत भट्ट/गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के करुणाकर पांडे ने कमाल कर दिया. करुणाकर की सफलता से परिवार के साथ शहर के लोग भी काफी खुश हैं. दरअसल UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) EPFO (सहायक भविष्य निधि आयुक्त) भर्ती परीक्षा में, गोरखपुर के करुणाकर ने ऑल इंडिया रैंक में 39 वां स्थान हासिल कर गोरखपुर का मान बढ़ाया है. एग्जाम का रिजल्ट आते ही करुणाकर के घर और गांव में जश्न का माहौल है. आसपास के लोग परिवार को बधाइयां दे रहे हैं और वह एक दूसरे का मुंह मीठा कराने में लगे है. इसके साथ ही करुणाकर के घर पर रिश्तेदारों की भीड़ लगने लगी है और हर कोई उनके माता-पिता को शुभकामनाएं दे रहा है.
सफलता की कहानी
करुणाकर ने ऑल इंडिया रैंक में 39 वां स्थान हासिल किया. इसके बाद उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. करुणाकर पांडे ने बताया कि यह सफलता कई दिनों की मेहनत और तपस्या के बाद मिली है. इसमें सबसे बड़ा श्रेय उनके परिवार और साथियों का है. करुणाकर बताते हैं कि, उनके माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया और उनका हौसला बनाए रखा, करुणाकर के माता-पिता ने शुरुआती दौर से ही उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया. परिणाम स्वरुप करुणाकर भी उसी तरह परिश्रम करते रहे और अब सफलता भी हाथ लग गई. करुणाकर दिन में 5 से 6 घंटा पढ़ाई करते और रात में भी स्टडी टाइम टेबल के हिसाब से करते थे.
पिता हैं आर्मी से रिटायर्ड
करुणाकर मूल रूप से गोरखपुर जिले के ग्राम पानापार पोस्ट भैंसा बाजार के निवासी हैं. करुणाकर के पिता राधे कृष्णा पांडे आर्मी से रिटायर्ड होकर रेलवे में नौकरी कर रहे हैं. इनके बड़े भाई करुणानिधि भी सेना में तैनात हैं. एक बहन की शादी हो गई है और करुणाकर परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं. करुणाकर की स्कूलिंग ‘फरेनिया इंटर कॉलेज’ कुशवापार गोरखपुर से हुई है. इंटर की पढ़ाई उन्होंने श्री ‘रामरेखा इंटर कॉलेज’ से किया है. इसके बाद गोरखपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एमकॉम की पढ़ाई कंप्लीट की है. करुणाकर बताते हैं कि, इस सफलता के पीछे उनके पिता का हाथ सबसे ज्यादा है क्योंकि उनका सपोर्ट तो था ही लेकिन उनके हौसले से भी करुणाकर को काफी मदद मिली है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 12:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed