अतुल सुभाष केस: बकस दो यारों निकिता का पक्ष जाने बिना चरित्र हनन ठीक नहीं

Atul Subhash Case: अतुल सुभाष तो इस दुनिया में नहीं है. उसके हर सवाल का जवाब देने के लिए अब उसकी पत्नी निकिता ही है. लेकिन, अभी तक सुभाष की बातों पर दुनिया निकिता को कटघरे में खड़ा कर रही है.

अतुल सुभाष केस: बकस दो यारों निकिता का पक्ष जाने बिना चरित्र हनन ठीक नहीं
Atul Subhash Case: एआई इंजीनियर अतुल सुभाष का जाना इस दुनिया और समाज के लिए एक बड़ी सबक है. किसी को भी ऐसा एक्सट्रीम कदम नहीं उठाना चाहिए. ऐसा करना उस ईश्वर के साथ नाइंसाफी है जिसने हमें इस धरती पर भेजा है. वह ऐसे एक्स्ट्रीम कदम उठाने वाले को कभी माफ नहीं करता. यह एक तरह की बुजदीली का भी परिचायक है. लेकिन, कई बार परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं जिसमें इंसान टूट जाता है. उसकी उम्मीद खत्म हो जाती है. हर कोई अंदर से उतना मजबूत नहीं होता कि वह दुनियाई झमेलों को झेल सके. ऐसे में अतुल सुभाष का जाना हर किसी को समाजिक व्यवस्था के बारे में सोचने पर मजबूर करता है. खैर, ये तो अतुल सुभाष की बात है. उनके प्रति हर किसी की संवेदना है. लेकिन, इसी बहाने मीडिया और सोशल मीडिया पर एक वर्ग उनकी पत्नी निकिताा सिंघानियां पर कीचड़ उछाल रहा है. वह उनके कैरेक्टर से लेकर उनकी शारीरिक और काम ईच्छाओं तक पर सवाल कर रहा है. अतुल सुभाष ने अपने सुसाइट नोट में कई बातें लिखी थी. उसने हर एक चीज के लिए निकिता और उसके परिवार को जिम्मेदार ठहराया था. उसने उस लेटर में निकिता की शारीरिक ईच्छाओं और दोनों के बीच बिस्तर के संबंध पर टिप्पणी की थी. उन्होंने संबंध बनाने के दौरान निकिता की चाहत का जिक्र किया था. उसने लिखा कि निकिता संबंध बनाने के दौरान अपने निजी अंगों को चाटने की डिमांड करती थी. हम यहां कहेंगे कि सुभाष तुम पूरी तरह लगत थे. तुमने निकिता से नफरत की आग में अपने बेहद खूबसरत निजी पलों का भी सम्मान नहीं किया. तुमने इसे बहुत गलत और फूहड़ तरीके से पेश किया. मीडिया और समाज के लिए तुमने चटकारे लेने की चीज परोस दी. तुम इस दुनिया में नहीं हो लेकिन तुम्हें इस हरकत के लिए सजा नहीं दी जा सकती लेकिन तुम्हें माफ भी नहीं किया जा सकता है. किसी भी स्थिति में एक स्त्री की गरिमा से खिलवाड़ की किसी को अनुमति नहीं दी जा सकती. सुभाष एक और बात…तुम तो उस वक्त निकिता के पति थे. उस वक्त तुम्हारे और निकिता के रिश्ते अच्छे रहे होंगे. इंसान जब रिश्तों के सबसे खूबसूरत पल में होता तब ही रिश्ते बनते हैं और उस संबंध को पति-पत्नी दोनों बराबरी में इंज्वाय करते हैं. लेकिन, तुमने नफरत की आग में पत्नी के साथ बिताए गए खूबसूरत पलों पर भी पानी डाल दिया. तुम्हारी इसी हरकत की वजह से दुनिया आज निकिता के चरित्र हनन पर उतारू है. हममें से किसी के पास निकिता का पक्ष नहीं है. तुमने अपनी बात कहकर हमेशा के लिए चुप्पी साधने का रास्ता चुना और दुनिया के सामने जवाब देने के लिए निकिता को छोड़ा दिया. ये तो बेहद स्वार्थी रवैया है सुभाष. अब मीडिया में रिपोर्ट आ रही है कि निकिता ने जौनपुर की अदालत के सामने अपना पक्ष रखा है. उसने कहा कि वह तुम्हारे साथ शादी में खुश थी. हालांकि, उसकी मां ने तुम दोनों के बीच दूरियां पैदा की. निकिता ने इस दुनिया से तुम्हारे चले जाने के बावजूद तुम पर कोई आरोप नहीं लगाया है. तुमको कटघरे में खड़ा नहीं किया है. खैर, सुभाष तुम तो अब सुन तो रहे नहीं हो. तुम नफरत की आग में बहरे हो गए हो. इसलिए मैं तुम्हारे उन लोगों से अपील करता हूं कि अब बकस दो यारों… तुम्हारे दर्द में चटकारे खोजने वाले लोगों से कहना चाहता हूं कि अब रहने दो. एक स्त्री की गरिमा से खेलना बंद करो. अपनी अदालतों पर भरोसा करो. हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा ही नहीं है. हां कई बार दिन के उजाले में कुछ धूंध छा जाती है लेकिन, उस धूंध को साफ करने की जरूरत होती है न कि और धुंआ फैलाने की. Tags: Suicide CaseFIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 15:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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