इस बांसुरी वादक की गुहार में है सभी कलाकारों की आवाज! जानें क्या अपील की
इस बांसुरी वादक की गुहार में है सभी कलाकारों की आवाज! जानें क्या अपील की
Flute of Assam: पलाश कुमार नाथ 8 साल की उम्र से बांसुरी बजा रहे हैं. अब वह बांसुरी बनाने और असम के समारोहों में प्रदर्शन कर रहे हैं. पलाश ने 200 से अधिक बांसुरियां बनाई हैं.
असम: बांसुरी असम की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण वाद्य यंत्र (Important musical instruments) है. बांसुरी का इस्तेमाल लगभग हर संगीत में होता है. भारतीय संगीत में बांसुरी का उपयोग बहुत प्राचीन है. बारभुगिया, मोरिगांव के 26 साल के युवा पलाश कुमार नाथ इस बांसुरी को बजाते हैं. पलाश ने 8-9 साल की उम्र से बांसुरी बजाना शुरू किया था. जब वो छोटे थे, उनके पिता ने मेले से उन्हें एक बांसुरी खरीदी थी, और उन्होंने खुद ही उसका सुर सीख लिया. पलाश ने बचपन में किसी से बांसुरी बजाना नहीं सीखा, लेकिन इसे एक जुनून की तरह लिया. अब वो जुनून पलाश के लिए पेशा बन गया है.
बांसुरी की धुन में एक अलग ही जादू
पलाश की बांसुरी की धुन में एक अलग ही जादू है. वह अलग-अलग जगहों से बांस लाकर अपने घर में बांसुरी बनाते हैं और उन्होंने कई बांसुरी बनाई हैं. पलाश ने हाल ही में सरकार से कलाकारों की मदद करने की अपील की है. उनका यह शौक अब पेशा बन गया है.
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पहाड़ों से बांस लाकर बांसुरियां बना रहे हैं
पलाश अपना आधा साल बिहू समूहों और गायकों के साथ नगों, मोरिगांव और पूरे असम में कई समारोहों में बिताते हैं. पलाश की बांसुरी की धुन में एक अलग तरह का अहसाम मिलता है. यह उल्लेखनीय है कि पलाश वर्तमान में अपने घर में विभिन्न जगहों से या पहाड़ों से बांस लाकर बांसुरियां बना रहे हैं. पलाश ने 200 से अधिक बांसुरियां बनाई हैं. पलाश को हाल ही में बांसुरी वादक प्रदीप डेका और दीपक शर्मा ने भी मदद की. पलाश ने सरकार से हर स्वदेशी कलाकार को सहायता प्रदान करने की अपील की.
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Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 17:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed