आंख फोड़ी टांग भी तोड़ीनदी पार कर रहे तेंदुए पर भीड़ ने बरसा दिए पत्थर

Tiger attacked by villagers: असम के कालीबोर इलाके में बाघ घुसने से गांव वालों में हड़कंप मच गया. बाघ जब खुद को बचाने के लिए नदी में कूदा तो लोगों ने उस पर पत्थर मारना शुरू कर दिया, जिससे उसकी आंख फूट गई.

आंख फोड़ी टांग भी तोड़ीनदी पार कर रहे तेंदुए पर भीड़ ने बरसा दिए पत्थर
असम: इंसानियत का मर जाना या उसे अपने सामने मरते देखना. जान किसी की भी हो, इंसान या फिर जानवर, वो कीमती ही होती है. लेकिन असम से एक ऐसी घटना सामने आई जिसे देख सबसे दिल कमजोर पड़ गए. दरअसल, कालीबोर के एक इलाके में पिछले कुछ दिनों से एक बाघ घूम रहा था. यह बाघ जंगली इलाके से बाहर निकलकर आबादी वाले क्षेत्र में आ गया था, जिससे लोग डर गए थे. वन विभाग इस बाघ को पकड़ने के लिए कई प्रयास कर चुका था, लेकिन बाघ हमेशा बच निकलने में सफल हो जाता था. लेकिन, कोई नहीं जानता था कि इस बाघ का दुर्भाग्य इतना बड़ा होगा कि हम उसे कभी जंगल में वापस नहीं भेज पाएंगे. स्थानीय लोगों ने बरसाए पत्थर बुधवार को वन विभाग और स्थानीय लोग मिलकर इस बाघ को पकड़ने के लिए फिर से एक योजना बना रहे थे. टीम पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन बाघ ने अपनी चालाकी से सभी को चौंका दिया. जब उसे घेरने की कोशिश की गई, तो वह तेजी से कालन नदी में कूद गया. नदी में कूदने के बाद बाघ की स्थिति और भी मुश्किल हो गई. इसके बाद, स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, और उन्होंने बाघ पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इस दौरान वन विभाग भी मौके पर मौजूद था, लेकिन स्थानीय लोगों के हिंसक व्यवहार के कारण स्थिति और बिगड़ गई. बाघ की फूंट गई आंख जब लोग बाघ पर पत्थर फेंक रहे थे, तो एक पत्थर ने बाघ की आँख को चोट पहुंचाई. यह चोट इतनी गंभीर थी कि बाघ की आँख पूरी तरह से नष्ट हो गई. एक्स-रे रिपोर्ट ने यह साफ किया कि बाघ की एक आँख टूटकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, और उसमें से खून बह रहा था. इस खतरनाक हमले ने बाघ के लिए जीवन को और भी कठिन बना दिया. इसके अलावा, बाघ की दूसरी आँख भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती थी, लेकिन राहत की बात यह थी कि वह सुरक्षित रही. बाघ को मिला इलाज घायल बाघ को बाद में वन विभाग ने शांत किया और उसे तत्काल इलाज के लिए काजीरंगा के सीडब्ल्यूआरसी (काजीरंगा वन्यजीव पुनर्वास केंद्र) भेजा. चिकित्सकों का कहना है कि बाघ की एक आँख अब पूरी तरह से खराब हो चुकी है, और उसकी दृष्टि पूरी तरह से चली गई है. यह बाघ अब कभी भी जंगल में वापस नहीं जा सकेगा, क्योंकि एक आँख के बिना उसे अपने शिकार और जंगल के जीवन से जूझना असंभव होगा. यह एक गहरी दुखद घटना है, जो यह बताती है कि इंसान की हिंसा ने एक निर्दोष जीव की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया. Tags: Local18, Special Project, Tiger huntFIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 18:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed