IIT NIT नहीं यहां से किया बीटेक 32 लाख सैलरी की नौकरी छोड़ अपनाया ये रास्ता
IIT NIT नहीं यहां से किया बीटेक 32 लाख सैलरी की नौकरी छोड़ अपनाया ये रास्ता
Software Engineer Story: इंजीनियर बनने के पीछे लोगों का मकसद अच्छी सैलरी पैकेज वाली नौकरी (Jobs) पाना है. लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इससे इतर इन सब चीजों को छोड़कर अध्यात्म की राह पकड़ ली है. ऐसी ही कहानी एक लड़की है.
Software Engineer Story:सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना लोगों का सपना होता है, ताकि अच्छी सैलरी पैकेज वाली नौकरी मिल जाएं. लेकिन इसके इतर कुछ ऐसे लोग भी जिन्हें पैसों की मोह नहीं है और इन सब चीजों को छोड़कर अध्यात्म की ओर चल पड़े हैं. ऐसे ही कहानी एक लड़की है, जो एडोब सॉफ्टवेयर कंपनी में 32 लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी छोड़कर सांसारिक जीवन त्यागकर साध्वी बनने जा रही हैं. इनका नाम हर्षाली कोठारी (Harshali Kothari) है.
हर्षाली राजस्थान के ब्यावर निवासी एक ऑटोमोबाइल व्यवसायी की बेटी हैं और 3 दिसंबर को आचार्य रामलाल महाराज के सान्निध्य में संयम पथ ग्रहण करेंगी. हर्षाली ने कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम के समय उनके मन में कई सवाल उठे. वह सोचने लगीं कि जीवन का उद्देश्य क्या है और वह असल में क्या कर रही हैं. इसी दौरान ब्यावर में जैन संत रामलाल महाराज का चातुर्मास कार्यक्रम हो रहा था. वहां से उन्हें धर्म की ओर चलने की प्रेरणा मिली.
कंप्यूटर साइंस में किया बीटेक
हर्षाली राजस्थान के ब्यावर से ताल्लुक रखती हैं. वह ब्यावर से बीएल गोठी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की हैं. इसके बाद वह जयपुर के लक्ष्मी निवास मित्तल कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की हैं. वर्ष 2018 में उन्होंने एडोब में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी शुरू की. लेकिन कोरोना काल के बाद मार्च 2023 में उन्होंने नौकरी छोड़कर धर्म का अनुसरण शुरू कर दिया.
बोर्ड परीक्षा में रहीं टॉपर
17 नवंबर को अजमेर में हर्षाली का वरघोड़ा निकाला गया. परिवार और समाज के लोगों ने इस मौके पर उनका अभिनंदन किया. उनकी बुआ किरण डाबरिया ने बताया कि हर्षाली पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं और कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप भी किया. हर्षाली की मां ने कहा कि बेटी के इस निर्णय से शुरुआत में दुख जरूर हुआ, लेकिन अब परिवार उसकी खुशी में ही सुख देख रहा है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वह संयम मार्ग पर सफलता के साथ आगे बढ़े.
हर्षाली की मां उषा कोठारी ने बताया कि जब बेटी ने कहा कि उसे पैसों से खुशी नहीं मिल रही और वह संयम मार्ग अपनाना चाहती है, तो परिवार ने उसे समझाने की कोशिश की. लेकिन, जब हर्षाली अपने निर्णय पर अडिग रहीं, तो परिवार ने उसकी खुशी को देखते हुए अनुमति दे दी.
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Tags: IitFIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 18:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed