पिता ने की दूसरी शादी तो 3 बेटों ने मिलकर मार डाला एनीकट में फेंका शव

Pratapgarh News : प्रतापगढ़ में तीन बेटों ने मिलकर अपने पिता, सौतली गर्भवती मां और उसकी तीन साल की बेटी को बेहरमी से मार डाला. बाद में शव पत्थरों से बांधकर उनको एनीकट में फेंक दिया. हत्या के शिकार हुए तीनों लोग रविवार शाम से लापता थे.

पिता ने की दूसरी शादी तो 3 बेटों ने मिलकर मार डाला एनीकट में फेंका शव
प्रतापगढ़. राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य प्रतापगढ़ जिले में समाज की खाप पंचायत के फरमान को नजरअंदाज कर देना एक दंपति के जीवन पर भारी पड़ गया. एक साल पहले हाईकोर्ट ने जिस दंपति को सुरक्षा देने के लिए प्रतापगढ़ जिले की दो थाना पुलिस को पाबंद किया था आखिरकार उसे मार ही दिया गया है. दोनों ही थाना पुलिस दंपति को सुरक्षा देने में नाकाम रही. इस हत्या को अंजाम हत्या के शिकार के हुए शख्स के तीन बेटों ने दिया. हत्यारों को 3 साल की मासूम पर भी रहम नहीं आया और उसे भी मौत की नींद सुला दिया. हत्या करने के बाद तीनों बेटों ने मिलकर अपने पिता के शव को पत्थर बांधकर उसे एनीकट में फेंक दिया. वहीं अपनी गर्भवती सौतेली मां की पीठ पर उसकी तीन साल की बेटी को बांधकर उनको भी एनीकट में लुढ़का दिया. पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया है. वहीं तीसरा आरोपी फरार हो गया. दिल को दहला देने वाला यह मामला प्रतापगढ़ के धरियावद उपखंड क्षेत्र के मूंगाणा टांडा गांव का है. रविवार शाम को पूरा परिवार लापता हो गया था पुलिस के मुताबिक रविवार शाम को सूरजमल लबाना उसकी पत्नी लच्छी बाई और तीन साल की बेटी लापता हो गई थी. उसके बाद उनकी हत्या के कयास लगाए जाने लगे थे. परिवार की हत्या की बात फैलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. प्रतापगढ़ जिले के चार थानों की पुलिस, बांसवाड़ा एफएसएल टीम और डॉग स्कवायड की टीम के साथ जिले के एसपी लक्ष्मण दास ने उनकी तलाश शुरू की. रविवार देर रात तक पुलिस उनका पता नहीं लगा पाई है. सोमवार दोपहर करीब 1.30 बजे उन तीनों के शव एक एनिकट में पड़े मिले. 2020 में की थी दोनों ने शादी दरअसल सूरजमल लबाना की पहली पत्नी की मौत हो गई थी. सूरजमल के तीन बेटे हैं. उसके बाद ने सूरजमल ने दिसंबर 2020 में लच्छीदेवी से आर्य समाज गुरुकुल वित्तौड़गढ़ में विवाह किया था. इसके बाद से लच्छी देवी के ससुराल पक्ष सहित समाज के कुछ लोगों ने इस विवाह से नाराज होकर उन दोनों को परेशान करना शुरू कर दिया. वहीं सूरजमल के बेटे भी उसकी इस शादी से खफा थे. समाज ने उनको 11 लाख रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई और प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था. समाज से बहिष्कृत करने का फरमान सुनाने के बाद दंपति ने जोधपुर हाईकोर्ट की शरण ली थी. हाईकोर्ट ने ने दिए थे दंपति की सुरक्षा के निर्देश हाईकोर्ट ने जुलाई 2021 में प्रदेश के गृह सचिव, प्रतापगढ़ एसपी, धरियावद और पारसोला एसएचओ सहित 15 लोगों को पक्षकार बनाते हुए दंपति को परेशान नहीं करने के लिए आरोपियों को पाबंद करने और सुरक्षा दिलाने के आदेश दिए थे. करीब सवा दो साल पुराने इस आदेश के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिल रहा था. दो साल पहले तक न्याय की गुहार लगाने वाले इस परिवार के अब शव मिलने के बाद पुलिस के होश उड़ गए. पुलिस डाल रही है अपनी नाकामियों पर पर्दा पुलिस अब अपनी नाकामियों को पर्दा डालने के लिए मीडिया से दूरी बनाए हुए है. पूरे मामले में अब तक कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है. हालांकि मीडिया ने बांसवाड़ा रेंज आईजी से बात करने चाही, लेकिन उन्होंने भी यह कह कर मामले को टाल दिया कि अभी कुछ पता नहीं चल पाया है. जांच जारी है. इस दंपति ने पहले ही पुलिस का कहा था कि बाजार में निकलने पर उन्हें गांव छोड़ने की धमकी दी जाती है. रविवार शाम को लच्छी देवी और सूरजमल के लापता होने के बाद से ही मूंगाणा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. Tags: Murder case, Pratapgarh news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 17:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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