सैकड़ों महिलाओं की बदली जिंदगी रोजगार के काबिल भी बनाया जानिए पावनी की कहानी

Success Story: महिलाओं को ड्राइविंग तो आती थी, मगर उनके पास खुद की गाड़ी नहीं थीं. पावनी ने उन्हें स्कूटी दी और बाद में प्रोफेशनल ट्रेनिंग के ज़रिए उन्हें नौकरी के काबिल भी बनाया. अब तक आत्मनिर्भर के सहारे 150 महिलाओं को रोजगार मिल चुका है, जो हर महीने 15 से 20 ट्रेनिंग देकर 20 हज़ार रुपए प्रति महीना कमा लेती हैं.

सैकड़ों महिलाओं की बदली जिंदगी रोजगार के काबिल भी बनाया जानिए पावनी की कहानी
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: अब महिलाएं घर तक ही सीमित नहीं है. महिलाएं अब हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों के साथ चल रही हैं. इतना ही नहीं, महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. महिलाएं हौसले की उड़ान भर रही हैं. 2017 से शुरू हुआ यह सफर आज सैकड़ों महिलाओं को हौसले की उड़ान दे रहा है. महिला ट्रेनिंग के जरिए हर महीने हजारों कमा रही हैं. मध्यम वर्ग की ऐसी महिलाएं भी हैं, जो गाड़ी चलाना सीखना चाहती हैं. लेकिन, महिला ट्रेनर न होने की वजह से सीख नहीं पाती. मथुरा की पावनी खंडेलवाल ऐसे ही तबके के लिए काम कर रही हैं. पावनी महिलाओं को ट्रेनिंग भी दे रही हैं और रोजगार भी. पावनी के स्टार्टअप ‘आत्मनिर्भर’ में सभी ट्रेनर महिलाएं हैं. इसकी शुरुआत पावनी की मां से जुड़े एक वाक्य से हुई थी. जो जीवन का लक्ष्य दे गया और महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने का जरिया भी. पावनी ने बताई सफर की कहानी महिलाओं को ड्राइविंग तो आती थी, मगर उनके पास खुद की गाड़ी नहीं थीं. पावनी ने उन्हें स्कूटी दी और बाद में प्रोफेशनल ट्रेनिंग के ज़रिए उन्हें नौकरी के काबिल भी बनाया. अब तक आत्मनिर्भर के सहारे 150 महिलाओं को रोजगार मिल चुका है, जो हर महीने 15 से 20 ट्रेनिंग देकर 20 हज़ार रुपए प्रति महीना कमा लेती हैं. संस्था की डायरेक्टर रेखा खंडेलवाल से जब बात की तो उन्होंने बताया कि यह स्टार्टअप के पीछे मेरे साथ हुई घटना जुड़ी हुआ है. आत्मनिर्भर के सहारे 200 महिलाओं को रोजगार सोचती थी कि काश मैं भी स्कूटी चलाना सीख जाऊं. फिर मेरी बेटी ने मुझे हताश होते हुए देखा तो मुझे हौसला दिया. आज वह हौसला इतना बढ़ गया कि कई शहरों में हमने अपना स्टार्टअप शुरू किया है. महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं. आत्मनिर्भर संस्था की डायरेक्टर रेखा खंडेलवाल ने कहा कि मथुरा के अलावा जयपुर, दिल्ली, नोएडा, जयपुर, जोधपुर. करीब 14 शहर हम कवर कर रहें हैं. उन्होंने बताया कि 20 हजार के करीब महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखा चुके हैं. 200 से अधिक युवतियां हमारे यहां काम कर रही हैं. Tags: Local18, Mathura news, Success StoryFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 16:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed