उल्लू का हुआ क्रिटिकल ऑपरेशन डेढ़ घंटे तक चला जानें क्या थी बीमारी

Kota News: कोचिंग सिटी कोटा में एक उल्लू का बेहद जटिल ऑपरेशन किया गया है। इस उल्लू के पंख की हामरस हड्डी में कंपाउंड फ्रैक्चर था. उसकी हड्डी के कई टुकड़े हो गए थे. डॉक्टर्स को इस ऑपरेशन में करीब डेढ़ घंटा लगा.

उल्लू का हुआ क्रिटिकल ऑपरेशन डेढ़ घंटे तक चला जानें क्या थी बीमारी
हिमांशु मित्तल. कोटा. आपने अलग-अलग प्रजातियों के जानवरों और पक्षियों के ऑपरेशन के किस्से तो आपने सुने होंगे लेकिन किसी उल्लू का ऑपरेशन का किस्सा आपने नहीं सुना होगा. राजस्थान के कोटा में एक उल्लू का क्रिटिकल ऑपरेशन किया गया है. उल्लू का यह ऑपरेशन करीब डेढ़ घंटे तक चला. राजस्थान में अपनी तरह का यह पहला ऑपेरशन था. डॉक्टर्स के मुताबिक उल्लू की हालत में सुधार है. उसे जल्द ही जंगल में छोड़ा जाएगा. कोटा के बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक अखिलेश पांडेय ने बताया कि शहर के तलवंडी के राजेश तिवारी के घर पर एक उल्लू गिर पड़ा था. वह उठ नहीं पा रहा था. इस पर राजेश तिवारी उसे अस्पताल लाए थे. जांच में सामने आया कि उल्लू के पंख की हामरस हड्डी में कंपाउंड फ्रैक्चर था. हड्डी के कई टुकड़े हो गए थे. इसका इलाज करने के लिए उल्लू का जटिल ऑपरेशन किया गया है. उल्लू के पंख की सर्जरी कर की गई है. उसमें ऑर्थोपेडिक इंप्लांट लगाया गया है. उल्लू के क्रिटिकल धागे से टांके लगाए गए हैं. करीब डेढ़ घंटे चले इस ऑपरेशन के बाद अब उल्लू पूरी तरह से सुरक्षित है. उल्लू को सर्जरी के लिए बेहोश करना बड़ी चुनौती है डॉ. अखिलेश पांडेय ने बताया ये प्रदेश में पहली बार हुआ जब किसी उल्लू का ऑपरेशन हुआ किया गया है. अस्पताल के डॉक्टर्स ने इस केस को खास सावाधनी के साथ हैंडल किया है. उल्लू को सर्जरी के लिए बेहोश करना और उसे फिर से होश में लाना अपने आप में चुनौतीपूर्ण कार्य है। उल्लू अब पूरी तरह से खतरे से बाहर है. फिलहाल उसे डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है. उसे पूरी तरह से ठीक होने में उसे दो हफ्ते लगेंगे. अभी उसे खाने में कीमा और अंडा दिया जा रहा है डॉ. पांडेय के मुताबिक अभी उसे खाने में कीमा और अंडा दिया जा रहा है. वह उनको आसानी से खा रहा है. उसके स्वास्थ्य में सुधार होते ही जल्दी ही उसे जंगल में आजाद कर दिया जाएगा. उल्लेखनीय है अक्सर पतंगबाजी के समय आकाश में उड़ने वाले परिंदों को लेकर चिंता जताई जाती है. चाइनीज मांझे से परिंदों के कट लग जाने से बहुत से पक्षियों की मौत हो जाती है लेकिन फ्रेक्चर के मामले कम आते हैं. Tags: Kota news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 15:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed