राजस्थान में है चीन जैसी दीवार! लेट सकते हैं चारपाई डाल कर और दौड़ा सकते हैं घोड़े
राजस्थान में है चीन जैसी दीवार! लेट सकते हैं चारपाई डाल कर और दौड़ा सकते हैं घोड़े
चूरू जिला मुख्यालय के निकटवर्ती रतननगर कस्बे में चीन के दीवार जैसी एक दीवार है. इसका निर्माण लगभग 160 वर्ष पूर्व यहां के तत्कालीन सेठ नन्दराम केडिया ने कस्बे की सुरक्षा के लिए करवाया था. इस दीवार के चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं, और चारों ही दरवाजों के अलग-अलग नाम हैं
नरेश पारीक
चूरू. राजस्थान का चूरू जिला अपने आप मे कई इतिहास और विरासत समेटे हुए है. यहां की हर एक फिज़ा अपने आप मे खास है, लेकिन क्या आप जानते हैं यहां चीन की दीवार जैसी एक दीवार जिला मुख्यालय के निकटवर्ती रतननगर कस्बे में है. इस दीवार का निर्माण लगभग 160 वर्ष पूर्व यहां के तत्कालीन सेठ नन्दराम केडिया ने कस्बे की सुरक्षा के लिए करवाया था. इस दीवार के चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं, और चारों ही दरवाजों के अलग-अलग नाम हैं.
सवा कोस के इस घेरे की दीवार के चारों कोने पर चार बुर्ज हैं. इन सभी बुर्ज के भी अलग-अलग नाम हैं. दिलचस्प बात यह है कि दीवार के निर्माण में चांदी की करनी (औजार) और बारिश के पानी का उपयोग किया गया है.
कन्या के हाथों रखी दीवार की नींव
दीवार का पाया कन्या गंगाबाई के हाथों से भरा गया (नींव रखी गयी) था. दीवार के मुहर्त में उस वक्त 379 रुपए चांदी के पहले दिन 160 वर्ष पूर्व खर्च हुए. नन्दराम केडिया ने रतननगर को बसाया और इसकी सुरक्षा के लिए इस दीवार का उस दौर में निर्माण करवाया था. लोहिया कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर के.सी सोनी बताते हैं कि रतननगर में सेठ नन्दराम केडिया के साथ 72 परिवार भी आकर बसे थे.
दीवार के निर्माण पर 1.07 लाख रुपये आया खर्च
इस दीवार का निर्माण चांदी की करनी और बारिश के पानी से हुआ है. उस वक्त गांव में सात तालाब थे, उसी से पानी से यह निर्माण हुआ. दीवार के निर्माण पर एक लाख सात हजार रुपए खर्च हुए थे. यह दीवार सवा कोस के घेरे की थी. आसान भाषा मे समझें तो चार किलोमीटर की है. वर्तमान में पश्चिम दिशा में 400 मीटर के करीब अवशेष बचे हैं जिसकी विधायक कोटे से हाल ही में 10 लाख रुपये खर्च कर मरम्मत करवाई गई है.
दीवार के चारों कोने पर चार बुर्ज
दीवार के चारों कॉर्नर पर चार बुर्ज बनाए गए हैं जिनके नाम वास्तु के हिसाब से रखे गए हैं. पश्चिम और दक्षिण बुर्ज का नाम भैरव बुर्ज, दक्षिण पूर्व में बुर्ज का नाम केसरिया बुर्ज, उतर पूर्व में बुर्ज का नाम शनि बुर्ज और उतर पश्चिम में बुर्ज का नाम भोमिया बुर्ज है. इन सभी बुर्ज में तोप रहती है और दिन में दो बार सलामी दी जाती थी.
4 किलोमीटर लंबी दीवार में 4 दरवाजे
कस्बे की सुरक्षा के लिए बनाई इस किलेनुमा दीवार में चार दरवाजे रखे गए हैं जिनके अलग-अलग नाम हैं. पहले दरवाजे का नाम चूरू दरवाजा, दूसरा रामगढ़ की तरफ ढाढ़ण दरवाजा, पूर्व दिशा में बिसाऊ दरवाजा और पश्चिम दिशा में गणगौरी दरवाजा.
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Tags: Churu news, Rajasthan news in hindiFIRST PUBLISHED : November 07, 2022, 12:48 IST