दूल्हा घोड़ी चढ़ा तो 3 थानों की पुलिस ने घेर लिया पूरा गांव जानें वजह

Alwar News : खैरथल जिले के कोटकासिम में गुरुवार रात को भारी पुलिस फोर्स के बीच दलित दूल्हे की बिंदौली निकाली गई. दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ाने के लिए वहां तीन थानों की पुलिस पहुंची. बाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दूल्हा घोड़ी पर चढ़ाया गया और बैंड बाजे के साथ उसकी बिंदौली निकाली गई.

दूल्हा घोड़ी चढ़ा तो 3 थानों की पुलिस ने घेर लिया पूरा गांव जानें वजह
नितिन शर्मा. अलवर. अलवर से सटे खैरथल जिले के कोटकासिम थाना इलाके में स्थित लाहडोद गांव में एक दलित दूल्हे को राजी खुशी घोड़ी पर बिठाने के लिए तीन थानों की पुलिस और तीन डीएसपी पहुंचे. इससे पूरा गांव पुलिस छावनी बन गया. शादी में बाराती और घराती से ज्यादा पुलिसवाले हो गए. इस गांव में पहली बार दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा है. बाद में पुलिस की कड़ी सुरक्षा में दलित दूल्हे की बिंदौली निकाली गई. बिंदौली शांतिपूर्वक संपन्न हो जाने से पुलिस प्रशासन राहत की सांस ली. पुलिस के अनुसार दूल्हे आशीष और उसके परिजनों ने इसको लेकर एक अर्जी थी. उसमें बताया कि आशीष की शादी होनी है. गुरुवार रात को उसकी निकासी निकाली जानी है. परिजनों का कहना था कि उन्हें डर है कि गांव के दबंग आशीष के घोड़ी पर बैठने पर बवाल कर सकते हैं. लिहाजा उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाए. इस पर कोटकासिम थानाधिकारी नंदलाल जागिड़, किशनगढ़बास थानाधिकारी जितेंद्र सिंह और भिवाड़ी एसएचओ सीआईडी सीबी इंचार्ज प्रीति राठौड़ के साथ भारी पुलिस जाब्ता लाहड़ाद गांव पहुंचा. इसके साथ ही तीन पुलिस उपाधीक्षक भी वहां पहुंचे. Good News: ठाकुर के आंगन में ‘दलित बेटी’ की शादी, किसी सपने से कम नहीं है राजस्थान में यह बदलाव बहन का दूल्हा पैदल ही आया था गांव में जानकारी के अनुसार इस गांव में पहली बार कोई दूल्हा अपनी शादी में घोड़ी पर बैठा है. बताया जा रहा है कि इस दूल्हे की बहन की कुछ साल पहले शादी हुई थी. तब दबंगों के डर से दूल्हा गांव में पैदल ही आया था. उसके बाद आशीष ने ठान लिया कि वह अपनी शादी में घोड़ी पर जरुर बैठेगा. हालांकि उसे डर था कि इससे बवाल हो सकता है. इसलिए ही उसने कोटकासिम थानाधिकारी नंदलाल जांगिड़ को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए लिखित अर्जी दी थी. खौफ के बीच बह रही है बदलाव की बयार उल्लेखनीय है कि राजस्थान के कई गांवों में आज भी दबंगों के डर से दलित दूल्हे शादी में घोड़ी पर बैठने से हिचकिचाते हैं. हालांकि अब बदलाव की बयार बहने लगी है. बीते दिनों बाड़मेर और अजमेर में ऐसे मामले सामने आए हैं जब राजपूत समाज ने दलित समाज के लड़के और लड़कियों के शादी करवाई है. बाड़मेर में तो दलित की बेटी की शादी गांव के ठाकुर परिवार के आंगन ही हुई थी. वहीं अजमेर में दलित की बेटी की शादी में वहां के राजपूत समाज ने खुद ही दुल्हन को घोड़ी बिठाकर बिंदौली निकालकर अनूठा उदाहरण पेश किया था. Tags: Dalit Harassment, Marriage news, Wedding storyFIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 09:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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