विवाह में दहेज बना बाधा तो लड़का जा पहुंचा लड़की के घर गांव के मंदिर में रचाई शादी
विवाह में दहेज बना बाधा तो लड़का जा पहुंचा लड़की के घर गांव के मंदिर में रचाई शादी
Bihar News: लड़की के मजदूर पिता कैलाश ठाकुर ने दहेज की रकम देने में असमर्थता जताते हुए दिसंबर में शादी करने का अनुरोध किया. लेकिन इस बीच शुक्रवार की रात विकास ठाकुर लड़की के घर पहुंच गया और शादी की जिद करने लगा. यह देख ग्रामीणों ने बगैर देर किए शनिवार को गांव के मंदिर में रीति-रिवाज के अनुसार दोनों की शादी करवा दी
जमुई. बिहार के जमुई (Jamui) जिले में हुई एक अनोखी शादी चर्चा का विषय है. दहेज के कारण शादी में देरी होते देख युवक ने अपने घरवालों से बगावत कर दी और लड़की के घर जा पहुंचा, यहां गांववालों ने आपसी रजामंदी से दोनों की शादी (Marriage) करवा दी. मामला सिकन्दरा इलाके के जखड़ा गांव की है. ग्रामीणों की मैजूदगी में गांव के मंदिर में हुई इस शादी (Marriage In Temple) के बाद दूल्हा और दुल्हन को सभी ने अपना आशीर्वाद दिया.
मिली जानकारी के मुताबिक सदर प्रखंड के नारडीह के रहने वाले 23 वर्षीय विकास ठाकुर की शादी जखड़ा की 21 वर्षीय ज्योति से तय हुई थी. विकास के पिता ने वधू पक्ष से दहेज के रूप में दो लाख रुपये की मांग रखी थी. रकम मिलने में देरी होने पर वर पक्ष ने शादी तोड़ने की धमकी दी. लड़की के मजदूर पिता कैलाश ठाकुर ने दहेज की रकम देने में असमर्थता जताते हुए दिसंबर में शादी करने का अनुरोध किया. लेकिन इस बीच शुक्रवार की रात विकास लड़की के घर पहुंच गया और शादी की जिद करने लगा. यह देख ग्रामीणों ने बगैर देर किए शनिवार को गांव के मंदिर में रीति-रिवाज के अनुसार दोनों की शादी करवा दी. घर से बगावत कर दहेज लिए बगैर शादी करने वाले विकास ने अपनी नई नवेली दुल्हन ज्योति को जिंदगी की हर परिस्थिति में साथ देने का वादा किया.
विकास ने बताया कि दहेज के कारण उसकी शादी में देरी हो रही थी. उसके पिता दहेज मिलने में देरी के कारण शादी तोड़ने की बात कह रहे थे, मगर उसने निर्णय किया वो ज्योति को ही अपनी जीवनसंगिनी बनाएगा. इसलिए अपना घर छोड़ कर वो यहां पहुंच गया और तुंरत शादी करने को कहा. विकास के घरवालों को जब उसकी शादी के बारे में पता चला तो उन्होंने उसे घर नहीं आने के लिए कहा. इस पर विकास ने कहा कि वो ऑटो चलाता है. किसी शहर में जाकर काम करेगा और अपनी पत्नी के साथ आगे की जिंदगी गुजारेगा. मुझे दहेज नहीं चाहिए, दुल्हन ही दहेज है.
वहीं, शादी के बाद ज्योति ने कहा कि उसे इस तरह हुई शादी से कोई एतराज नहीं. मेरे पिता गरीब हैं, इसलिए वो इतना दहेज कहां से लाते. ज्योति की मां उषा देवी ने बताया कि लड़के (विकास) ने शुक्रवार की रात घर आकर धरना दे दिया था, वो कह रहा था कि उसे दहेज नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि उसके पति दिल्ली में मजदूरी करते हैं, दहेज के दो लाख रुपये जुटाने में देरी हो रही थी. लेकिन जब लड़का घर आ गया तब इज्जत को देखते हुए ग्रामीणों की राय से दोनों की शादी करा दी गई.
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Tags: Bihar News in hindi, Dowry, Jamui news, MarriageFIRST PUBLISHED : July 10, 2022, 00:11 IST