UN में तुर्की ने फिर कश्मीर का राग अलापा कहा- अब तक शांति स्थापित ना कर पाना दुर्भाग्यपूर्ण
UN में तुर्की ने फिर कश्मीर का राग अलापा कहा- अब तक शांति स्थापित ना कर पाना दुर्भाग्यपूर्ण
पाकिस्तान के करीबी और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने महासभा परिचर्चा के दौरान कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान 75 साल पहले अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता स्थापित करने के बाद भी अब तक एक-दूसरे के बीच शांति और एकजुटता कायम नहीं कर पाए हैं.
हाइलाइट्सतुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे को यूएन की बैठक में उठाया.तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच शांति स्थापित ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है.तुर्की के राष्ट्रपति ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की थी.
संयुक्त राष्ट्र. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने मंगलवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया. पाकिस्तान के करीबी एर्दोआन ने महासभा परिचर्चा के दौरान कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान 75 साल पहले अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता स्थापित करने के बाद भी अब तक एक-दूसरे के बीच शांति और एकजुटता कायम नहीं कर पाए हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. हम कश्मीर में स्थायी शांति और समृद्धि कायम होने की आशा और कामना करते हैं.’’ एर्दोआन ने शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने यह टिप्पणी की है.
समरकंद में हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की थी. हाल के वर्षों में, एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्रों में संबोधन के दौरान कश्मीर मुद्दे का उल्लेख किया है, जिससे भारत और तुर्की के बीच संबंधों में तनाव पैदा हुआ है. भारत अतीत में उनकी टिप्पणी को “पूरी तरह से अस्वीकार्य” करार दे चुका है. भारत कहता रहा है कि तुर्की को अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए और इसे अपनी नीतियों में अधिक गहराई से प्रतिबिंबित करना चाहिए.
बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के नेताओं ने आतंकवादी संगठनों के कारण पैदा होने वाले सुरक्षा खतरों से निपटने की कोशिश के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिबंधित आतंकवादियों, अलगाववादियों और चरमपंथी संगठनों की एकीकृत सूची तैयार करने की योजना तैयार करने की प्रतिबद्धता जताई थी. उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में आठ देशों वाले संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर शुक्रवार को जारी संयुक्त घोषणापत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एससीओ के सदस्यों देशों के नेताओं ने हर प्रकार के आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ के कारण पैदा होने वाले सुरक्षा संबंधी खतरे पर चिंता व्यक्त की और दुनियाभर में आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की थी.
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Tags: Jammu kashmir, TurkeyFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 01:02 IST