नई दिल्ली: कांग्रेस ने संसद में बाबा साहेब बीआर अंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर अमित शाह की तीखी आलोचना की और कहा कि अपने कमेंट के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा- अभी एक फैशन हो गया है – अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.
दरअसल संविधान के 75 साल पूरे होने पर राज्यसभा में दो दिवसीय चर्चा हो रही थी. इसके समापन पर अपने संबोधन में अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए यह बात कही. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई कांग्रेस नेताओं ने उनकी इस टिप्पणी पर उन पर उलटा निशाना साध दिया है.
राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से अंबेडकर से असहमत होंगे. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ बेशक होगी ही. मल्लिकार्जुन खड़गे ने पोस्ट किया- गृहमंत्री अमित शाह ने जो आज भरे सदन में बाबा साहेब का अपमान किया है, उससे ये फिर एक बार साबित हो गया है कि BJP/RSS तिरंगे के खिलाफ थे. उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया. संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति को लागू करना चाहते थे. बाबासाहेब डॉ आंबेडकर जी ने ये नहीं होने दिया, इसलिए उनके प्रति इतनी घृणा है. मोदी सरकार के मंत्रीगण ये कान खोलकर समझ लें कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबा साहेब डॉक्टर आंबेडकर जी भगवान से कम नहीं, वे दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक व गरीबों के मसीहा हैं और हमेशा रहेंगे. मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ़ बेशक होगी ही।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 17, 2024
तेजस्वी यादव ने भी एक्स पर पोस्ट करके कहा- बाबा साहेब अंबेडकर के चाहने वालों को स्वर्ग नहीं स्वर ही अवश्य चाहिए. संविधान के शिल्पकार के प्रति ऐसी घृणित सोच बीजेपी और आरएसएस की पाठशाला से ही पनपती है. देश के सौ करोड़ से अधिक वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित, शोषित, उपहासित, दलित, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक एवं समता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, बन्धुता और संविधान में यकीन रखने वाले न्यायप्रिय लोगों के लिए बाबा साहेब अंबेडकर भगवान से भी कम भी नहीं है. बाबा साहेब ने करोड़ों लोगों को नारकीय जीवन से छुटकारा दिलाकर इसी जीवन में जीते-जी ही मोक्ष प्रदान कर दिया. संविधान निर्माता के प्रति माननीय गृहमंत्री की ऐसी संकीर्ण सोच की हम निंदा तथा माफ़ी की मांग करते है.
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FIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 11:12 IST