प्रयागराज आए हैं तो भूलकर भी न करें ये गलतीजरूर पहुंचें इस जगह वरना बाद में
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इलाहाबाद संग्रहालय की असिस्टेंट क्यूरेटर डॉ. संजू शुक्ला बताती हैं कि इलाहाबाद संग्रहालय में कलाकृतियों को दो भागों में विभक्त करके रखा गया है. पहले में प्राचीन काल की कलाकृतियां जिसमें दूसरी शताब्दी से लेकर छठवीं शताब्दी तक के प्रतिमा मौजूद है, वही दूसरी दीर्घा में पूर्व मध्य कालीन की सातवीं से एक 11वीं शताब्दी तक की मूर्तियां मौजूद है.
रजनीश यादव /प्रयागराज: सरकार की ओर से हमेशा अपने देश की प्राचीन कलाकृतियां एवं संस्कृतियों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाते हैं. जिसके लिए वह देश के कई जगह में ऐसे संग्रहालय की स्थापना करते हैं, जहां पर इन धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके. देश में दिल्ली कोलकाता, लखनऊ एवं प्रयागराज ऐसे शहर है, जहां पर इन धरोहर को संरक्षित करने के लिए विशाल संग्रहालय बनाए गए हैं. जो पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है.
इलाहाबाद संग्रहालय इसलिए है खास
प्रयागराज प्राचीन मध्यकालीन एवं आधुनिक भारत के इतिहास में कला एवं संस्कृतियों का भी एक प्रमुख केंद्र रहा है. इसके आसपास के क्षेत्र में कई राजवंशों ने शासन किया. जसनोत, कौशांबी ,प्रतापगढ़ आदि प्रयागराज के पुरातात्विक स्थल है. जहां से खुदाई के दौरान प्राप्त मूर्ति एवं कलाकृतियों को इलाहाबाद संग्रहालय में संरक्षित किया गया है.
संग्रहालय की असिस्टेंट क्यूरेटर डॉ. संजू शुक्ल बताती हैं कि इलाहाबाद संग्रहालय में प्राचीन काल की दूसरी सदी से लेकर छठवीं शताब्दी तक एवं पूर्व मध्यकालीन के सातवीं शताब्दी से लेकर 11वीं शताब्दी तक की खुदाई के दौरान प्राप्त मूर्तियां सुरक्षित रखी गई है. इनमें मौर्य काल का अशोक स्तंभ, शुंग वंश में निर्मित लाल बलुआ पत्थर की कलाकृतियां, जसनोत प्राप्त नृत्य मुद्रा की नायिकाएं ,खजुराहो से प्राप्त वराह, कुषाण वंश की गांधार शैली से निर्मित व्हाइट रेड सैंड स्टोन की मूर्तियां संग्रहालय में विद्यमान है. कौशांबी से प्राप्त जैन धर्म के तीर्थंकर आदिनाथ पार्श्वनाथ एवं महावीर स्वामी की मूर्तियां और बौद्ध धर्म के महात्मा बुद्ध की बैठी हुई खड़ी मुद्रा एवं सर मुद्रा में प्राप्त मूर्तियां संग्रहालय की शोभा बढ़ाती है.
इसके अलावा राजपूत कालीन सूर्य मंदिर खजुराहो से प्राप्त हुआ एवं विष्णु के कई अवतार की मूर्तियां संग्रहालय में संरक्षित की जा रही है. इसी संग्रहालय में दुनिया का एकमात्र दूसरी शताब्दी में कौशांबी से प्राप्त पहले शल्य चिकित्सा का प्रमाण मौजूद है.
ऐसे करें प्रवेश
इलाहाबाद संग्रहालय में प्रवेश करने के लिए चंद्रशेखर आजाद पार्क का टिकट पांच रुपये का लेना होता है. इसी के अंदर मौजूद है, इलाहाबाद संग्रहालय का टिकट भारतीयों के लिए ₹50 एवं विदेशियों के लिए पांच सौ रुपए निर्धारित किया गया है. संग्रहालय सुबह 9:30 बजे से खुलकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है.
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Tags: Allahabad news, Local18FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 14:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed