यूपी के इस प्राचीन मंदिर मे बनी कलाकृतियों के हैं लोग दीवाने जानें लोकेशन
यूपी के इस प्राचीन मंदिर मे बनी कलाकृतियों के हैं लोग दीवाने जानें लोकेशन
इस मंदिर की यही खासियत है कि यहां आने वाले भक्त की जो भी मुराद होती है वह पूर्ण रूप से पूरी होती है. उन पर दाऊजी महाराज की कृपा हो जाती है. इसके अलावा उसकी तरक्की दिन दुगनी और रात चौगुनी होती है.
अलीगढ़. अलीगढ़ शहर के महावीर गंज इलाके में 130 साल पुराना प्राचीन दाऊजी महाराज का मंदिर स्थित है. यहां भगवान श्री द्वारकाधीश को दाऊजी के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की स्थपना सन 1896 मे लाला कल्याण राज द्वारा की गई थी. इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में जो हाथों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां हैं वह बेहद खूबसूरत है. इन लाजवाब कलाकृतियों को बनाने के लिए देश के कोने-कोने से कारीगरों को बुलाया गया था.जिन्होंने करीब 18 साल की अवधि के बाद इसको पूर्ण रूप से भव्य रूप दिया. कहा जाता कि इस मंदिर में पूर्ण मन से 41 दिन पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं साथ ही यहां दर्शन करने से ग्रहों के प्रकोप से भी मुक्ति मिलती है.
मंदिर की देखभाल करने वाले सर्वेश कुमार ने कहा कि इस मंदिर की स्थापना सन 1896 में हुई थी. इसको हमारे परबाबा लाला कल्याण राज जी ने बनवाया था. उनकी मृत्यु के बाद हमारे बाबा ज्वाला प्रसाद जी ने इसकी देखभाल की उनके बाद हमारे पिताजी रमेश चंद्र जी ने इस मंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी ली. इसके बाद सन 2014 में इसका एक पारिवारिक ट्रस्ट बना दिया गया. तब से इसकी देखभाल मंदिर श्री दाऊजी महाराज ट्रस्ट कर रहा है. यह अलीगढ़ के विशेष मदिरों मे से एक भव्य मंदिर है.
ऐसे हुआ मंदिर का निर्माण
सर्वेश कुमार ने आगे कहा कि इस मंदिर के बारे में हमारे पूर्वजों द्वारा कहा गया है कि कुछ साधु लोग आए थे और हमारे पर बाबा को कुछ हीरे जावरात देकर कहा था कि अगर हम अगले 6 महीने में वापस नहीं आए तो इन हीरे जवारत के बदले यहां एक दाऊजी महाराज का मंदिर बनवा दिया जाए. हमारे परबाबा लाला कल्याण राज जी एक साधारण व्यक्ति थे. जब वह साधु लोग 6 महीने तक वापस नहीं आए. तब उन्होंने इस भव्य मंदिर को बनवाना शुरू कर दिया. इस मंदिर के बनते बनते हमारे पर बाबा शहर के सबसे धनी लोगों में शुमार हो गए. इन दाऊजी महाराज की कृपा से उनको इतना धन अर्जित हुआ.
देश के अलग अलग हिस्से से आए थे कारीगर
इस मंदिर की यही खासियत है कि यहां आने वाले भक्त की जो भी मुराद होती है वह पूर्ण रूप से पूरी होती है. उन पर दाऊजी महाराज की कृपा हो जाती है. अगर बात की जाए इसके कलाकृति की तो इसकी कलाकृति मे करीब 18 साल लग गए थे और देश के कोने-कोने से कारीगर आए थे और अभी भी इसकी कलाकृति देखेंगे तो इसके जैसी कलाकृति शायद पूरे देश के किसी भी मंदिर में देखने को नहीं मिलेगी.
इसमें खास बात यह भी है कि उस समय मशीन नहीं हुआ करती थी. यह सारी कलाकृति हाथों द्वारा की गई है. साथ ही इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि यह जो भी अपने कष्ट को लेकर आता है उसके कष्ट तो दूर होते ही हैं. इसके अलावा उसकी तरक्की दिन दुगनी और रात चौगुनी होती है.
Tags: Aligarh news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 16:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed