मछली पालक इस समय करें यह महत्वपूर्ण काम नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान

जिला मत्स्य अधिकारी मऊ कैश अहमद ने बताया कि मछलियों पर तापमान का असर न हो इसके लिए तालाब के पानी को हमेशा बदलते रहें. इसके साथ ही पानी का लेवल 5 फीट से लेकर साढ़े पांच फीट तक हमेशा रखें. 

मछली पालक इस समय करें यह महत्वपूर्ण काम नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान
सुशील सिंह/ मऊ: गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. हर जगह तापमान में वृद्धि हो रही. मछली पालक किसानों के लिए यह समय बड़ा ही महत्वपूर्ण है. सामान्य तौर पर इस वक्त तालाब में पानी सूख जाता है या कम हो जाता है. इस मौसम में मछली पालकों को अपने तालाबों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. अगर मछलियों की देखरेख में थोड़ी भी लापरवाही हुई तो मृत्यु दर बढ़ जाती है और मछली पालकों को फायदे के बदले नुकसान होता है. जिला मत्स्य अधिकारी मऊ कैश अहमद ने बताया कि मछलियों पर तापमान का असर न हो इसके लिए तालाब के पानी को हमेशा बदलते रहें. इसके साथ ही पानी का लेवल 5 फीट से लेकर साढ़े पांच फीट तक हमेशा रखें. इसके साथ ही अगर तालाब का पानी हरे रंग का होने लगे तो मछलियों के लिए चारे की मात्रा को कम कर दें. ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए करें यह उपाय इसके साथ ही तालाब में चूना पानी का छिड़काव करना चाहिए. चूने के पानी के लिए चूने को 24 घंटा पहले भिगो लेना चाहिए, फिर पूरे तालाब में उसका छिड़काव करना चाहिए. इससे तालाब में ऑक्सीजन का लेवल सही रहता और मछलियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. मछलियों में रोग फैलने पर इन दवाइयों का करें प्रयोग तापमान बढ़ने से यदि मछलियों में कोई बीमारी जैसे लाल चकत्ते इत्यादि पड़ रहे हों तो पोटेशियम परमैग्नेट अर्थात लाल दवा का छिड़काव तालाब में करना चाहिए. इससे तालाब में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहता और मछलियां मरती नहीं हैं. इसके अलावा गर्मी के मौसम में सघन मत्स्य पालन न करें. तालाब में यदि ज्यादा मछलियां हों गईं हों, तो कुछ मछलियों को दूसरे तालाब में शिफ्ट कर देना चाहिए. इस तरह यदि हम थोड़ा सा ध्यान रखेंगे तो किसानों को मत्स्य पालन में कोई दिक्कत भी नहीं होगी और किसान आर्थिक नुकसान से भी बचे रहेंगे. . Tags: Fisheries, Local18, Mau newsFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 18:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed