IIT कानपुर ने ऐसा क्या सॉफ्टवेयर बना दियादेश-दुनिया से आ रही भारी डिमांड

Cyber Attack Protect Software: आईआईटी कानपुर द्वारा तैयार किया गया यह आई मिराज सॉफ्टवेयर एक प्रकार से हैकर को भ्रमित करता है. हैकर जिस वेबसाइट को ओरिजिनल वेबसाइट समझकर उस पर अटैक करता है वह.........

IIT कानपुर ने ऐसा क्या सॉफ्टवेयर बना दियादेश-दुनिया से आ रही भारी डिमांड
रिपोर्ट- अखंड प्रताप सिंह कानपुर: देश और दुनिया में लगातार साइबर अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. निजी संस्थान हो या सरकारी संस्थान उनकी वेबसाइट पर साइबर अटैक होता है और उनका डाटा चोरी कर लिया जाता है और उसका गलत इस्तेमाल किया जाता है. अब ऐसे ही साइबर अटैक से निजी और सरकारी संस्थानों को बचाने के लिए आईआईटी कानपुर के एक इनक्यूबेटर ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो एक क्लोन वेबसाइट बना देगा और साइबर अपराधी उसके फेर में पड़ जाएगा और उसी पर अटैक कर देगा. इससे संस्थान को साइबर अटैक के बारे में पता चल जाएगा और वह प्रिकॉशन लेकर अपनी ओरिजिनल वेबसाइट से डाटा को बचा सकेगा और उसकी वेबसाइट सेफ बनी रहेगी. देश और दुनिया में साइबर अटैक बड़ी चुनौती आईआईटी कानपुर से मिले डाटा के अनुसार देश और दुनिया में साल में करीब 3 लाख से अधिक मामले हैकिंग के दर्द हो चुके हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितनी बड़ी समस्या बन चुका है. ऐसे में आईआईटी कानपुर द्वारा जो यह सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. यह देश और दुनिया के ऐसे सभी संस्थाओं के डाटा को बचाने के लिए कारगर साबित होगा जिनका डाटा गोपनीय है और उसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. आईआईटी कानपुर द्वारा तैयार किया गया यह आई मिराज सॉफ्टवेयर एक प्रकार से हैकर को भ्रमित करता है. हैकर जिस वेबसाइट को ओरिजिनल वेबसाइट समझकर उस पर अटैक करता है वह एक प्रकार का मिराज होता है जिसको साधारण भाषा में क्लोन कह सकते हैं. वहीं जब उस वेबसाइट पर हमला होता है तो इसके बारे में सॉफ्टवेयर डिटेक्ट कर लेता है और वह संस्थान को जानकारी देगा कि आपकी वेबसाइट पर साइबर हमले का खतरा बना हुआ है जिसके बाद कंपनी या संस्थान प्रिकॉशन लेकर खुद को साइबर अटैक से बचा सकेगा और अपने डेटा को सुरक्षित कर सकेगा. आईआईटी कानपुर के छात्र और ट्रैकल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक शुभाशीष ने बताया कि उनके द्वारा यह खास आई मिराज सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जो देश और दुनिया के संस्थानों के डाटा को सुरक्षित करने में बेहद कारगर साबित होगा. यह साइबर अटैक की चेतावनी पहले ही संस्थान को दे देगा. ऐसे में अपने डेटा को सुरक्षित करना आसान होगा. उन्होंने बताया कि देश और दुनिया भर में कई संस्थाओं द्वारा उनके सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाने लगा है. मुख्य रूप से बैंकिंग के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ऑपरेशन के क्षेत्र में इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल बड़ी संख्या में हो रहा है क्योंकि वहां पर जरूरी और गोपनीय डेटा होता है जिसकी सुरक्षा बेहद जरूरी है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 15:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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