Air Pollution: पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने केंद्र ने इन राज्यों को दिए खास प्लान बनाने के निर्देश

Stubble Burning Issue: पराली जलाने का मुद्दा अक्सर दिल्ली (Delhi), हरियाणा (Haryana) और पंजाब (Punjab) की सरकारों के बीच राजनीतिक टकराव का कारण बनता रहा है. पराली जलाने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर साल सर्दियों के मौसम में बिगड़ जाता है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने अब तीनों राज्यों को पराली के मुद्दे पर खास प्लान तैयार करने को कहा है.

Air Pollution: पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने केंद्र ने इन राज्यों को दिए खास प्लान बनाने के निर्देश
हाइलाइट्सपराली जलाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार सख्तपंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी सरकार को खास प्लान तैयार करने के निर्देशपराली जलाने की वजह से हर साल अक्टूबर और नवंबर में बढ़ जाता है वायु प्रदूषण दिल्ली. आने वाले फसलों के मौसम से पहले केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सरकारों को शून्य पराली जलाने के लिए प्रयास करने के लिए कहा है. इसके साथ केंद्र ने इस मिशन को हासिल करने के लिए हर संभव मदद का भी वादा किया है. पराली जलाने से पंजाब और हरियाणा में हर साल अक्टूबर और नवंबर  में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक लेवल तक पहुंच जाता है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने धान पराली जलाने के प्रबंधन के लिए राज्यों की तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि संबंधित राज्यों को वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में उन्हें उपलब्ध कराए गए 600 करोड़ रुपये का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए. कृषि मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा है कि राज्यों को पिछले चार सालों के दौरान पहले से आपूर्ति की गई 2.07 लाख मशीनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा,’ इस वित्तीय वर्ष में राज्यों को पहले ही 600 करोड़ रुपये प्रदान किए जा चुके थे और उनके पास 300 करोड़ रुपये की अव्ययित राशि है, जिसका उचित उपयोग किया जाना चाहिए. साथ ही करीब दो लाख मशीनें राज्यों को उपलब्ध करा दी गई हैं. केंद्र और संबंधित राज्यों को संयुक्त रूप से एक योजना तैयार करनी चाहिए और एक निर्धारित समय सीमा के भीतर जीरो स्टबल बर्निंग के लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री की अहम बैठक राज्यों द्वारा इस वर्ष के दौरान पराली जलाने के प्रबंधन को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार के अधिकारियों, कृषि और किसान कल्याण विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. उन्होंने राज्यों के अधिकारियों को आईईसी गतिविधियों को मजबूत और व्यापक बनाने के लिए कहा ताकि किसानों को जागरूक किया जा सके कि पराली जलाने से यूरिया के अति प्रयोग की तरह लंबे समय में मिट्टी की उर्वरता का नुकसान होता है. ये भी पढ़ें:  PM Kisan Maandhan Yojana: अब किसानों को मिलेगी हर महीने 3,000 रुपये पेंशन, कैसे कराएं योजना में रजिस्ट्रेशन  धान की पराली जलाने पर प्रभावी नियंत्रण के लिए केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने, मशीनों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए एक सिस्टम स्थापित करने, सीआरएम मशीनों के साथ एक मानार्थ मोड में बायो-डीकंपोजर के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए. कृषि मंत्रालय ने कहा कि बायोमास आधारित बिजली संयंत्रों, बायोएथेनॉल संयंत्रों आदि जैसे आसपास के उद्योगों से मांग की मैपिंग के माध्यम से भूसे के बाहरी उपयोग को बढ़ावा देना और गहन अभियानों के माध्यम से किसानों के बीच जन जागरूकता के लिए आईईसी गतिविधियों को शुरू करना चाहिए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Air pollution, Air pollution delhiFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 22:55 IST