आगरा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों आगरा में दुर्गादास राठौड़ की मूर्ति का अनावरण किया. आइए जानते हैं, आखिर कौन थे दुर्गादास राठौड़, जिनकी मूर्ति का अनावरण सीएम योगी ने किया. उनकी बहादुरी की कहानियां आज भी राजस्थान में सुनी और सुनाई जाती हैं.
दुर्गादास राठौड़ का जन्म 13 अगस्त 1638 को मारवाड़ रियासत के सालवा गांव में हुआ था. उनके पिता आसकरण, जोधपुर दरबार में महाराजा जसवंत सिंह के मंत्री थे. माता-पिता के बीच मतभेद होने के कारण, दुर्गादास का पालन-पोषण उनकी मां के साथ लूणवा गांव में हुआ, जहां वह खेती करते थे.
भविष्यवाणी हुई सच
एक बार एक रायका ने अपने ऊंट दुर्गादास राठौड़ के खेतों में छोड़ दिए, जिससे उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई. जब दुर्गादास ने शिकायत की, तो रायका ने गलती मानने के बजाय उन्हें और जोधपुर दरबार को बुरा-भला कहा. इस पर दुर्गादास गुस्से में आकर रायका का सिर धड़ से अलग कर दिया. जब मामला दरबार में पहुंचा, तो महाराजा जसवंत सिंह ने दुर्गादास की साहसिकता की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह लड़का मारवाड़ का उद्धारक बनेगा.” यह भविष्यवाणी सच साबित हुई.
जब औरंगजेब को झुकना पड़ा
महाराजा जसवंत सिंह की दिसंबर 1678 में अफगानिस्तान में मृत्यु हो गई, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनकी रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम अजीत सिंह रखा गया. मुगल बादशाह औरंगजेब ने अजीत सिंह को उत्तराधिकारी मानने से इंकार कर दिया और मारवाड़ पर कब्जा कर लिया. दुर्गादास राठौड़ और मारवाड़ के प्रमुख लोगों ने अजीत सिंह को वारिस घोषित कराने के लिए औरंगजेब से संघर्ष किया और अंततः सफल हुए. अजीत सिंह को सुरक्षित अरावली पहाड़ियों में रखा गया, जहां वह पले-बढ़े.
81 साल की उम्र में हुआ निधन
1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद, दुर्गादास ने जोधपुर पर कब्जा कर लिया और मुगल सेना को बाहर खदेड़ दिया. 22 नवंबर, 1718 को 81 साल की उम्र में दुर्गादास राठौड़ का उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे निधन हो गया.
Tags: History of India, Local18FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 11:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed