दहेज में बहू नहीं लाई यह छोटी सी चीज तो सास ने नहीं मनाने दी सुहागरात

मामला जनपद बाराबंकी के मसौली थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती से जुड़ा है. जिसकी शादी लखनऊ में एक सरकारी चिकित्सालय में संविदा पर काम करने वाले युवक के साथ 25 फरवरी 2024 को हुआ था.

दहेज में बहू नहीं लाई यह छोटी सी चीज तो सास ने नहीं मनाने दी सुहागरात
संजय यादव/बाराबंकी: ज्यादातर शादियां दहेज के न मिलने के कारण टूट जाती हैं, क्योंकि कोई कार तो कोई बाइक या नगद कैश के लिए लोग रिश्ते तोड़ देते हैं. पर क्या आपने कभी सुना कि बहू रजाई लाना भूल गई तो सास ने उसकी सुहागरात ही नही होने दी. पुलिस के परिवार परामर्श केंद्र में यह मामला आया तो सभी काउंसलर भी चौंक गए. युवती ने दहेज प्रताड़ना की शिकायत एसपी दिनेश कुमार सिंह से की है. रिश्ता टूटने से बच जाए, इसलिए एसपी ने मामले को महिला थाने में आयोजित होने वाले परिवार परामर्श शिविर में भेज दिया. लेकिन शिविर में जब काउंसलर की टीम ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर एक-एक कर बातें सुनी तो प्रार्थना पत्र में लिखी गईं बातों से अलग ही मामला नजर आया. मामला जनपद बाराबंकी के मसौली थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती से जुड़ा है. जिसकी शादी लखनऊ में एक सरकारी चिकित्सालय में संविदा पर काम करने वाले युवक के साथ 25 फरवरी 2024 को हुआ था. युवती के मुताबिक उसके पिता का निधन हो चुका है. मां व भाईयों ने दहेज में अन्य सामान के साथ कार भी दी. विदा होकर ससुराल पहुंची तो वहां सास का रुख बदल गया. दूसरी मंजिल पर नई नवेली दुल्हन अकेली आधी रात तक बैठी रही. किसी ने खाना-पानी तक नहीं पूछा, तो वह नीचे उतरकर सास के पास गई और अपना कमरा पूछा. सास ने कमरा बताया लेकिन कमरे में रजाई नहीं थी. फरवरी में ठंड रजाई ओढ़ने लायक थी. जब सास से पूछा तो बोली तुम्हारी मां व भाईयों ने रजाई नहीं दी है, तो बिना रजाई के सो जाओ. यह सुनकर नई नवेली दुल्हन की खुशी एक झटके में खत्म हो गईं. आंखों से आंसू निकलने लगे. विदाई का सामान जिस चादर में बांध रखा था, उस चादर को मांगा तो सास ने कहा इसे जरूर ले जाओ आपके ही मायके का है. इतना सब होने के बाद नई नवेली दुल्हन एक कमरे में जाकर बेड का पाया पकड़कर बैठ गई आधी रात के बाद पति रजाई लेकर आया कहा सो जाओ, कल बात करेंगे. पति का रजाई लाना थोड़ा सकून देने वाला था.  थकान के कारण सो गई. दूसरे व तीसरे दिन भी पति साथ में लेटे लेकिन सुहागरात नहीं हुई. चौथे दिन पति मोहल्ले में ही स्थित अपने बड़े भाई के घर में चले गए, वहां से चार दिन बाद लौटे, फिर भी सुहागरात नहीं हुई. इसके बाद जब पति ड्यूटी पर चले गए, तब सास ने पूछा क्या तुम दोनों ने सुहागरात नहीं मनाई? बहू बोली आप अपने बेटे से पूंछें. सास खूब तेज तेज हंसने लगी और बोली हमें मालूम है, मेरी मर्जी के बिना मेरा बेटा कुछ नहीं करेगा. फिर अपने पास बैठाकर सास बोली तुम्हारी मां ने टीवी दिया होता तो हम दोनों सास-बहू बैठकर देखते. पांच परछन वाली साड़ियां भी नहीं दी. इससे हमारी बहुत बेइज्जती हुई है. इन्हीं सब बातों को लेकर हम सब बहुत नाराज हैं. इसीलिए सुहागरात नहीं मनाने दी गई. वहीं पीड़ित युवती ने बताया कि इसी तरह 15 दिन बीत गए. फिर जब भाई बुलाने आए तब भाई के साथ मायके आ गई. पति को  नवरात्र में ले जाने के लिए फोन किया, लेकिन नहीं आए. बाद में नहीं ले जाने का संदेश भिजवा दिया.  समझाने की सारी कोशिशें फेल होने के बाद एसपी को प्रार्थना पत्र दिया. वहीं जब पति से पूछा गया तो उसने रजाई व परछन के अलावा तिलक समारोह में अच्छे खान-पान की व्यवस्था न किए जाने को अपनी नाराजगी का कारण बताया. यह भी कहा कि इन सब कार्यों में पत्नी की सहभागिता रही है. पत्नी ने अपने भाईयों व मामा से दिमाग सही कराने की धमकी भी दी है. इसलिए वह रिश्ता समाप्त करेगा. फिर काउंसलर संजीव मिश्र, अमृता शर्मा और केएन तिवारी ने पति-पत्नी को कुछ देर के लिए अलग बैठकर बातें करने की मोहलत दी. इसके बाद युवक ने एक हफ्ते का मौका सोचने के लिए मांगा. पर महिला थानाध्यक्ष मुन्नी सिंह ने दो दिन का मौका दिया. इसके बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कही. Tags: Ajab Gajab, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 2, 2024, 08:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed