क्या है वो 3D फार्मूला जिसने पीएम मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के लिए बनाई राह
क्या है वो 3D फार्मूला जिसने पीएम मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के लिए बनाई राह
Brics Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तकरीबन 5 साल बाद मुलाकात हुई. लेकिन आज हम आपको समझाते हैं कि आखिर वो 3D फार्मूला क्या है, जिसने दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की राह आसान की.
ब्रिक्स समिट के लिए रूस के कजान शहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई है. तकरीबन 5 साल बाद दोनों नेता मिले, तो मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई. लेकिन कुछ ही दिन पहले की बात है, जब कड़वाहट का एक लंबा दौर चला. पीएम मोदी के सामने कई बार शी जिनपिंग आए, लेकिन द्विपक्षीय बातचीत नहीं हो सकी. तो आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने दोनों नेताओं के मिलने की राह बना दी. दरअसल, इसके पीछे उस 3D फार्मूले का कमाल है, जो दोनों देशों ने मिलकर तैयार किया.
जून 2020 में गलवान घाटी में जो कुछ हुआ, उसने दोनों देशों के रिश्ते छिन्न भिन्न कर दिए. सेनाओं के बीच हिंसक झड़प से रिश्ते रसातल में पहुंच गए. बातचीत बंद हो गई. लेकिन एक साल पहले, जब चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से कदम कुछ पीछे खींचे और भारत से संपर्क किया, तो एक बार फिर कूटनीतिक चैनल के जरिए बातचीत शुरू हुई. और आखिरकार ब्रिक्स समिट से ऐन पहले चीन अपनी सेना को जून 2020 से पहले की स्थिति में ले गया. इसे भारत की बड़ी जीत बताया गया. और यहीं से दोनों नेताओं के मिलने का रास्ता एक बार फिर खुलता नजर आया.
तो क्या है ये 3D फार्मूला?
3D फार्मूला मतलब, डिसएंगेजमेंट, डी-एस्केलेशन और डी-इंडक्शन. कार्नेगी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यही वो तीन शब्द थे, दोनों देशों को कड़वाहट खत्म करने पर मजबूर कर सके. टकराव का रास्ता छोड़कर दोनों साथ आए.
डिसएंगेजमेंट
मनोहर पर्रिकर आईडीएसए नई दिल्ली के रिसर्चर दीपक कुमार ने डिसएंगेजमेंट का मतलब समझाया. उन्होंने कहा, जब हम एक आर्मी को पीछे हटाने के लिए घोषित सैन्य नीति बदलते हैं. लेकिन यह यूं ही नहीं हो जाता. यह तभी होता है, जब दोनों पक्ष इस पर सहमत हों. यह भरोसा हो कि दुश्मन हम पर अटैक नहीं करेगा और तीसरा-उसके इरादों को लेकर पुख्ता हो. महाशक्तियां इसी तरीके से कठिन से कठिन फैसले लेती हैं और बड़ा टकराव टाल देती हैं.
डी-एस्केलेशन
कार्नेगी के अनुसार, डी-एस्केलेशन का मतलब है कि दोनों देशों की सेनाएं उस जगह से कुछ दूर अपने क्षेत्रों में लौट जाती हैं, जिसे लेकर विवाद होता है. टकराव से बचने के लिए यह सबसे शानदार उपाय होता है. आर्मी में इस शब्द के बड़े मायने होते हैं. यह बॉर्डर पर जंग से लेकर परमाणु युद्ध तक में काफी कारगर होता है. इसका मतलब है कि तनाव को काफी कम कर देना.
डी-इंडक्शन
कार्नेगी इंडिया के अनुसार, डी-इंडक्शन का मतलब है कि जब दोनों देश सहमति से तय करते हैं कि वे किन इलाकों में कितनी संख्या में सेना और तोप टैंक रख सकते हैं. किन उपकरणों और कितनी सेना को विवादित इलाकों से हटाया जाएगा. इन शब्दों को भारत और चीन के मामले में समझें, तो दोनों ने डिसएंगेजमेंट किया है. यानी दोनों अपनी पूरी सेना और हथियार लेकर पिछली स्थितियों में लौट गए हैं.
Tags: BRICS Summit, Narendra modi, PM Modi, Xi jinpingFIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 21:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed