नई दिल्ली. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10 वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बार भी सीबीएसई ने पिछले सालों की तरह ही 1800 से 3000 रुपये परीक्षा शुल्क रखा है. ऐसे में कोरोना के बाद से परेशानियां झेल रहे अभिभावकों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गुहार लगाई है.
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (AIPA) की ओर से सीएम को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में अपने बच्चों को पढ़ा रहे अभिभावकों पिछले दो सालों से आर्थिक रूप से काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. बहुत से परिवारों की आमदनी का जरिया भी खत्म हो चुका है. इसके अलावा कोरोना (Corona) के दौरान आर्थिक मुसीबतें झेल रहे कई माता-पिताओं ने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिल कराया है. ऐसे में ये लोग इस परीक्षा शुल्क को दे पाने में सक्षम नहीं हैं. दिल्ली के स्कूलों में करीब 3 लाख छात्र 10वीं और 12वीं में पढ़ते हैं.
आईपा के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने बताया कि पिछले दो सालों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के परीक्षा शुल्क के लिए क्राउड फंडिंग (Crowd Funding) की मदद ली थी. वहीं कोरोना से पहले खुद दिल्ली सरकार ने सभी बच्चों की स्कूल फीस भरी थी लेकिन कोरोना के दौरान कम बजट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार की ओर से मदद नहीं मिल सकी. इस बार जबकि दिल्ली सरकार (Delhi Government) की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है और शिक्षा का बजट भी बढ़ाया गया है तो बच्चों का परीक्षा शुल्क दिल्ली सरकार दे तो सभी अभिभावकों को बहुत राहत मिलेगी.
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Tags: Arvind kejriwal, Delhi news, Delhi School, ParentsFIRST PUBLISHED : June 17, 2022, 21:52 IST