पशुओं के चारे के साथ करें ये प्रयोग10 दिनों में बढ़ जाएगा दूध उत्पादन

इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी का असर इंसानों के साथ ही पशुओं पर भी दिख रहा है. तापमान में वृद्धि के चलते दुधारू पशुओं का दूध कम होते जा रहा है. गर्मी के मौसम में धूप और लू लगने से पशुओं में तनाव बढ़ जाता है और सुस्ती आ जाती है. इसका सीधा असर दूध की मात्रा पर पड़ता है. दूध की मात्रा में गिरावट आ जाती है और नुकसान होने लगता है.

पशुओं के चारे के साथ करें ये प्रयोग10 दिनों में बढ़ जाएगा दूध उत्पादन
अंजू प्रजापति/रामपुर: देश के अलग-अलग हिस्सों में गर्मी अपने चरम पर है. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गर्मी प्रयागराज में पड़ रही है जहां तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. वहीं वाराणसी में तापमान बीते दिनों 43 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था. मौसम विभाग के अनुसार मई में हर साल गर्म हवाएं और लू औसतन 2-3 दिन तक चलती है लेकिन इस बार 4 से 7 दिन इस माह में हीट वेव रहने की आशंका जताई जा रही है. हीट वेव के प्रभाव से यूपी में और गर्मी बढ़ सकती है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी का असर इंसानों के साथ ही पशुओं पर भी दिख रहा है. तापमान में वृद्धि के चलते दुधारू पशुओं का दूध कम होते जा रहा है. बढ़ते तापमान का असर दूध उत्पादन को भी प्रभावित कर रहा है. जिले में 3,53, 580 भैंस वंशीय पशु है रामपुर में दूध का औसत उत्पादन करीब 8 लाख लीटर है लेकिन यह धीरे-धीरे कम हो रहा है. गर्मी के मौसम में धूप और लू लगने से पशुओं में तनाव बढ़ जाता है और सुस्ती आ जाती है. इसका सीधा असर दूध की मात्रा पर पड़ता है. दूध की मात्रा में गिरावट आ जाती है और नुकसान होने लगता है. पशुओं की करें ऐसे देखभाल मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश कुमार जोशी बताते हैं कि स्वाभाविक रूप से जब तापमान में वृद्धि हो या गिरावट तो इंसानों के साथ साथ पशुओं पर इसके प्रभाव पड़ता है. दूध उत्पादन में कमी को रोकने हेतु सभी पशुपालकों को अपने पशुओं का विशेष ख्याल रखना होगा. उसके लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक पशु को छायादार स्थान पर बांधें. इस दौरान चारागाह में ना छोड़ें. बांधने के स्थान पर विशेष साफ सफाई होनी चाहिए. पशुओं में पानी की कमी न होने दें, उन्हें ताजा पानी पिलाएं और दिन में दो से तीन बार पशुओं को ताजा पानी से नहलाएं, साथ ही उनको संतुलित आहार दें. इन कारणों से कम होता है दूध का उत्पादन डॉ. महेश कुमार जोशी बताते हैं कि अगर पशुपालक यह शिकायत करते हैं कि उनके पशु कम चारा खाते हैं या कम दूध देते हैं. पशुओं में इस तरह के लक्षण तब दिखाई देते हैं जब कीट पशुओं पर चिपक जाते हैं. ये कीट पशुओं का खून चूसते रहते हैं. जिसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है. इस समस्या निपटने के लिए पशु चिकित्सालय से निशुल्क दवा भी उपलब्ध कराई जाती है. नियमित रूप से दवा ख़िलाने से कीटों का प्रभाव नष्ट हो जाता है. इन उपायों से बढ़ेगा दूध उत्पादन डॉ. महेश कुमार जोशी बताते हैं गर्मी के मौसम में पशुओं में दूध की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे में पशुओं को लोबिया घास खिलाना चाहिए. यह घास फाइबर, प्रोटीन और औषधीय गुणों से भरपूर होती है, जो पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाने में कारगर है. दूध बढ़ाने और पशुओं की अच्छी हेल्थ के लिए अजोला घास भी खिला सकते हैं. ये घास पानी में उगाई जाती है. पोषण से भरपूर ये घास पशुओं के लिए संजीवनी से कम नहीं है. इसके अलावा रोजाना 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल और 250 ग्राम गेहूं का आटा लें. इसका मिश्रण बनाकर रख लें. शाम को जब पशु चारा पानी खा लें तो ये मिश्रण 7-8 दिन तक लगातार पशु को खिलाएं. इसका असर दूध उत्पादन पर 10 दिनों के अंदर दिखने लगेगा. Tags: Agriculture, Local18, Rampur news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 16:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed