अजीबोगरीब नाम लेकिन स्वाद में लाजवाब ये पकोड़ा बड़ी दूर-दूर से खाने आते लोग

Ballia News: दुकानदार राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि यह लगभग 30 साल पुरानी दुकान है. यहां एक ख़ास पकोड़े मिलते हैं, जिसे गिरवछ या रिकवछ के नाम से जानते हैं. यह बहुत फेमस है. इसको खाने के लिए अन्य जनपदों से भी लोग आते हैं. इसको बनाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

अजीबोगरीब नाम लेकिन स्वाद में लाजवाब ये पकोड़ा बड़ी दूर-दूर से खाने आते लोग
बलिया /सनन्दन उपाध्याय: छोटे बड़े तमाम प्रकार के पकोड़े के स्वाद का आनंद तो आपने लिया होगा. लेकिन, आज हम उस देसी पकोड़े की बात करेंगे, जिसके स्वाद के आगे कुछ भाता नहीं है. इसको घर की बुजुर्ग महिलाएं बड़े मन से बनाती हैं. अरुई, जिसे अरबी के पत्ते भी कहते हैं. इससे बनने वाले इस पकोड़े को गिरवछ के नाम से जानते हैं. धीरे-धीरे यह व्यंजन कहीं न कहीं विलुप्त होता जा रहा है. कारण यह है कि इसको बनाने में थोड़ी लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. आइए जानते हैं आखिर इसको बनाया कैसे जाता है. दुकानदार राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि यह लगभग 30 साल पुरानी दुकान है. यहां एक ख़ास पकोड़े मिलते हैं, जिसे गिरवछ या रिकवछ के नाम से जानते हैं. यह बहुत फेमस है. इसको खाने के लिए अन्य जनपदों से भी लोग आते हैं. इसको बनाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसका स्वाद अन्य पकोड़े से बिल्कुल अलग और लाजवाब होता है. घर पर बनाए गिरवछ के पकोड़े दुकानदार ने बताया कि गिरवछ के पकोड़े तैयार करने के लिए सबसे पहले रात में चने की दाल भिगो दे. फिर इसे अगली सुबह सिलबट्टे या मशीन से पीस लें. फिर इसमें नमक, हरी मिर्च, काली मिर्च, हल्दी, धनिया, लहसुन और अदरक इत्यादि मसाले डालकर मिलाया जाता है. अरुई/अरबी के बड़े-बड़े पत्ते पर मसालेदार तैयार बेसन को लपेटा जाता है. फिर उसके ऊपर से पत्ते रखकर बेसन लपेटा जाता है. इस तरह से चार-पांच बार करके उसको मोड़- मोड़कर लंबा कर दिया जाता है. इसके बाद इसको देर तक पानी में उबाला जाता है. उबालने के बाद फिर थोड़ा ठंडा होने के लिए रख देते हैं. फिर इसे पकौड़े के आकार में काटा जाता है. इसके बाद सरसों के तेल में इसे तला जाता है. अब यह खाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इसकी कीमत ₹8 पीस है. मऊ में भी बलिया के गिरवछ का जलवा दुकान पर खासतौर से गिरवछ वाले पकौड़े के स्वाद का आनंद लेने आए ग्राहकों ने बताया कि अब यह बहुत कम मिलता है. बलिया में खास तौर से दो-तीन जगह पर ही ये पकोड़े मिलते हैं. इसमें यह खास पकोड़ा न केवल पेट भरता है. बल्कि, मन को भी आनंदित कर देता है. इसके स्वाद को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. एक ग्राहक तो ऐसा मिला, जो मऊ जिले से इस खास पकोड़े के स्वाद का आनंद लेने आया था. ये है लोकेशन अगर आप भी इस खास पकोड़े के स्वाद का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो बलिया रेलवे स्टेशन से एक रास्ता टाउन हॉल की तरफ जाता है. रेलवे स्टेशन से इस रास्ते में 10 कदम चलने के बाद दाहिने बगल पर सोनू भाई पकोड़े के नाम से दुकान है. यहां आप इस खास पकोड़े के स्वाद का आनंद ले सकते हैं. Tags: Ballia news, Food, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 12:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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