इन टॉप-5 किस्मों से करें जुलाई में टमाटर की खेतीचंद दिनों में होगा बंपर लाभ

आधुनिक तकनीक और बीजों के कारण टमाटर की खेती वैसे तो पूरे साल की जाती है. पर बारिश में इसकी खेती करने पर पैदावार अच्छी होती है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. हालांकि बरसात में टमाटर की खेती में मुनाफा कमाने के लिए पौधों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है.

इन टॉप-5 किस्मों से करें जुलाई में टमाटर की खेतीचंद दिनों में होगा बंपर लाभ
बाराबंकी. बरसात के मौसम में सब्जियों की खेती करना काफी मुश्किल होता है. बारिश के पानी से पौधों में सड़न और गलन का खतरा रहता है. इस कारण इन दिनों बाजार में सब्जियों की आवक कम हो जाती है और डिमांड बढ़ने से सब्जियां महंगी हो जाती हैं. इस मौसम में सब्जियों में कुछ ऐसी किस्में है जिनकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं टमाटर की खेती. वैसे तो टमाटर की खेती ठंड के मौसम में होती है जिसे 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान और अच्छी जल निकासी वाली बलुई या दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है. परंतु किसान इस मौसम में टमाटर की उन्नत किस्मों से खेती कर सकते हैं. आधुनिक तकनीक और बीजों के कारण टमाटर की खेती वैसे तो पूरे साल की जाती है. पर बारिश में इसकी खेती करने पर पैदावार अच्छी होती है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. हालांकि बरसात में टमाटर की खेती में मुनाफा कमाने के लिए पौधों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि बारिश में पौधौं को अधिक जलजमाव से बचाने की जरूरत होती है. साथ ही इस दौरान पौधों में संक्रमण कि शिकायत अधिक हो सकती है. जबकि बारिश के सीजन में टमाटर समेत अन्य सब्जियों की कीमत भी अच्छी मिलती है. टमाटर की टॉप-5 किस्में कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में टमाटर की खेती किसान कम करते है क्योंकि टमाटर की फसलों को बचाना थोड़ा मुश्किल होता है. परंतु टमाटर की कुछ ऐसी लोकप्रिय किस्में हैं जो बारिश के सीजन में भी कर सकते हैं. जिनमें से हाइब्रिड-12, सिंथेटिक-1, पीटी-12, रितु, आर-721, पूसा रत्ना आदि शामिल हैं. इन किस्मों में उच्च उत्पादन क्षमता, रोग प्रतिरोधक क्षमता और अच्छी गुणवत्ता वाले फल होते हैं इन किस्मो की बुआई के लिये मल्चिंग करना भी एक प्रभावी तरीका है. इन बातों का रखें ध्यान श्रवण कुमार ने बताया कि बारिश के मौसम में टमाटर की खेती में कीट और रोगों के संक्रमण का खतरा बना रहता है. इससे बचाव के लिए उचित तरीके से कीट प्रबंधन की आवश्यकता होती है. किसान अपने खेत में जैविक या रासायनिक विधि से रोग और कीट का प्रबंधन कर सकते हैं. टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए खेत और फसल का प्रबंधन सही तरीके से करना चाहिए. सही मात्रा में पानी डालना चाहिए और पोधों की प्रूनिंग, खरपतवार नियंत्रण सही तरीके से करें. Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 14:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed