धान की फसल में भूलकर भी न डालें इस समय नाइट्रोजन फायदे की जगह हो नुकसान
धान की फसल में भूलकर भी न डालें इस समय नाइट्रोजन फायदे की जगह हो नुकसान
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि धान की रोपाई के एक सप्ताह बाद पर्याप्त नमी रहती उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए. खेत में नमी इतनी हो कि किसान का पैर खेत में हल्का सा गड़ता रहे. फसल में नाइट्रोजन देते समय, टाइम का ध्यान भी रखें.
शाहजहांपुर: धान की पैदावार बढ़ाने और उसकी गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए उर्वरकों का बहुत महत्व है. उर्वरक मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं जो धान के पौधे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक होते हैं. उर्वरक धान के दानों को बड़ा, भरा और चमकदार बनाने में मदद करते हैं. कुछ उर्वरक पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, जिससे फसल को बीमारियों से बचाया जा सकता है. कुछ उर्वरक मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं और उसकी उर्वरा शक्ति बढ़ाते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि उर्वरकों को लेकर किसानों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जिससे किसान कम लागत में अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि रोपाई के समय बेसल डोज में किसान एनपीके, डीएपी, पोटाश और जिंक दे सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें की रोपाई के वक्त नाइट्रोजन बिल्कुल भी ना दें. क्योंकि भरे हुए पानी में नाइट्रोजन देने से नाइट्रोजन घुलकर तेजी के साथ पौधों के जड़ों के नीचे चली जाती है. जिसे पौधे से ग्रहण नहीं कर पाते.
रोपाई के बाद कब डालें खाद
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि धान की रोपाई के एक सप्ताह बाद पर्याप्त नमी रहती उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए. खेत में नमी इतनी हो कि किसान का पैर खेत में हल्का सा गड़ता रहे. फसल में नाइट्रोजन देते समय, टाइम का ध्यान भी रखें. नाइट्रोजन सुबह या फिर शाम के वक्त दें, तेज धूप में नाइट्रोजन बिल्कुल भी ना दें. तेज धूप में तापमान ज्यादा होने की वजह से नाइट्रोजन उड़ कर वायुमंडल में चली जाती है. वहीं खेत में पानी भरा होने की स्थिति में भी नाइट्रोजन का छिड़काव बिल्कुल ना करें क्योंकि पानी भरा होने की वजह से नाइट्रोजन फूल कर पौधे की जड़ों से नीचे चली जाती है. जिस पौधे ग्रहण नहीं कर पाते और बहुत सी नाइट्रोजन पानी में घुलने के बाद वाष्पित होकर वायुमंडल में चली जाती है.
सिंचाई के 3 दिन बाद डालें नाइट्रोजन
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान फसल में दूसरी बार नाइट्रोजन देते समय भी ध्यान रखें कि सिंचाई करने के दो से तीन दिन बाद पर्याप्त नमी रहते नाइट्रोजन बिखेर सकते हैं. ज्यादा नाइट्रोजन डालने से भी पौधा नरम हो जाता है. जिससे कीट और रोग पौधे की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं. जिसका पौधे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और उत्पादन में भारी गिरावट आती है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 16:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed