न देवप्रयागन अलकनंदा UP में यहां हैं 5 नदियों का संगम पचनद नाम से है
न देवप्रयागन अलकनंदा UP में यहां हैं 5 नदियों का संगम पचनद नाम से है
अगर आप देश-दुनिया में पांच नदियों के इकलौते संगम का दीदार करना चाहते हैं, तो आपको उत्तर प्रदेश के इटावा के बीहड़ों में स्थित ‘पंचनदा’ आना होगा. चंबल के खतरनाक बीहड़ों के बीच, जहां पांच नदियों का संगम होता है, इस स्थान को ‘पंचनदा’ के नाम से जाना जाता है. (रिपोर्टः रजत/ इटावा)
अभिषेक जायसवाल /वाराणसी: पूरी दुनिया सोमवार यानी 19 अगस्त को रक्षाबंधन के पर्व में सराबोर रहा. भौतिक रूप से लेकर वीडियो कॉलिंग तक लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. ऐसे में कुछ बातों को जानना बेहद जरूरी है, जो रक्षाबंधन के बाद काम आ सकती है. रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर बांधा गया रक्षासूत्र (राखी) केवल रक्षा का प्रतीक नहीं होता, बल्कि इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी होता है. इस संबंध में ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि रक्षासूत्र का उचित समय पर उतरना और उसे सही विधि से हटाना जरूरी होता है. ताकि इसका प्रभाव पूर्ण रूप से बरकरार रहे. आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय से रक्षा सूत्र को उतारने की सही विधि क्या है.
रक्षासूत्र को कलाई पर बांधने के बाद इसे कम से कम सवा दिन सवा महीने या सवा साल तक इसे रखना उचित माना जाता है. परंपरागत रूप से यह माना जाता है कि रक्षा सूत्र को पूर्णिमा के दिन बांधने के बाद अगले पूर्णिमा या किसी शुभ मुहूर्त पर उतारा जाना चाहिए. अगर किसी विशेष कारण से इसे पहले उतारना पड़े, तो ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए. यह भी माना जाता है कि रक्षा सूत्र को बिना किसी विशेष कारण के नहीं हटाना चाहिए.
कैसे उतारें रक्षा सूत्र?
रक्षा सूत्र को कभी भी काटकर नहीं उतारना चाहिए. ऐसा करने से इसका सकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है. वहीं रक्षासूत्र को तोड़ने या खींचकर उतारना भी अनुचित माना जाता है. कुछ स्थानों पर इसे जलाने का विधान भी होता है. लेकिन, इसे भी सावधानीपूर्वक और धार्मिक विधि से करना चाहिए. कई लोग रक्षासूत्र को उतारकर पीपल या किसी अन्य पवित्र वृक्ष पर बांधते हैं, जिसे शुभ माना जाता है.
क्या होते हैं दुष्परिणाम?
अगर रक्षा सूत्र को गलत विधि से हटाया जाता है. जैसे- काटकर या तोड़कर, तो ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. ऐसा करने से रक्षा का वह सूत्र, जो बुरे प्रभावों से रक्षा करता है. अपनी शक्ति खो सकता है. इसलिए इसे हटाने में हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए और धार्मिक नियमों का पालन करना चाहिए.ो
Tags: Local18, Rakshabandhan festival, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 12:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed