1 लाख किमी पर आखिर क्यों होती है महंगी सर्विस और क्या जरूरी है इतना पैसा खर्च करना जानें हर डिटेल
1 लाख किमी पर आखिर क्यों होती है महंगी सर्विस और क्या जरूरी है इतना पैसा खर्च करना जानें हर डिटेल
कार को 1 लाख किमी. के आसपास चलाने के बाद इसके कई पार्ट्स खराब होने लगते हैं जिन्हें बदलवाने में बड़ा खर्च आता है. हालांकि ये बदलवाने इसलिए जरूरी हैं क्योंकि इनके खराब होने की स्थिति में आपकी गाड़ी बंद भी पड़ सकती है.
हाइलाइट्स1 लाख किमी. पर होने वाली सर्विस का बिल 30 हजार से लेकर लाखों में भी आ सकता है. कार की सर्विस हमेशा ASC में ही करवानी चाहिए. समय पर कार की टाइमिंग बेल्ट को बदलवाना चाहिए.
नई दिल्ली. बेहतरीन टेक्नोलॉजी और स्टर्डी बॉडीलाइन ने कारों की लाइफ को पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा दिया है. इन दिनों मार्केट में मिलने वाली कारें ज्यादा लंबे समय तक अच्छी परफॉर्मेंस देती हैं. साथ ही कंपनीज ने अब अपनी कारों की आफ्टर सेल्स सर्विस पर भी काफी ध्यान दिया है और पहले के मुकाबले लगभग हर कंपनी के सर्विस स्टेशंस की संख्या भी बढ़ गई है. ऐसे में कार खरीद कर लोग लंबे समय तक उसे अपने पास रखते हैं और काफी किलोमीटर चला भी लेते हैं. जब मशीनीरी को लंबे समय तक चलाया जाता है तो उसकी सर्विस भी होती है. जब कारों की सर्विस की बात की जाए तो इसमें समय के साथ कुछ पार्ट भी बदलते रहते हैं और इसका खर्च भी अलग अलग आता है.
लेकिन जब भी कार की सर्विस 1 लाख किमी. चलने के बाद होती है तो उसका बिल किसी को भी चकरा सकता है. उसका कारण है कि ये बिल 30 हजार रुपये से लेकर लाखों तक भी जा सकता है. अब सवाल ये उठता है कि 1 लाख किमी. चलने के बाद कारों की सर्विस इतनी महंगी क्यों होती है. तो आइये जानते हैं कि 1 लाख किमी. कार के चलने के बाद कंपनी इसमें क्या क्या पार्ट बदलती है.
1 लाख किमी. पर सर्विस जब आपकी कार 1 लाख किमी. चल चुकी होती है तो इसमें सबसे मेजर पार्ट जो बदला जाता है वो टाइमिंग बेल्ट होती है. टाइमिंग बेल्ट के साथ ही बियरिंग और अन्य फिटमेंट्स काफी महंगे होते हैं. टाइमिंग बेल्ट की लाइफ 90 हजार किमी. से 1.2 लाख किमी. तक होती है. टाइमिंग बेल्ट यदि टूट जाती है तो आपकी कार का इंजन खराब हो सकता है और ये बड़े खर्च के साथ ही कार की लाइफ भी खत्म कर सकता है. इसके साथ ही कार की क्लच प्लेट को भी बदला जाता है. इसके लिए इंजन को खोलना पड़ता है और ये भी एक महंगा पार्ट होता है. इसके साथ ही आपकी कार का पिकअप व माइलेज बढ़ता है. साथ ही ये इंजन को भी लंबे समय तक सही रखती है. वैसे तो इन दिनों आने वाली गाड़ियों में एक ही बेल्ट से इंजन, फेन व एसी मोटर मूव करती है लेकिन कई गाड़ियों में ये बेल्ट्स अलग होती हैं. ऐसे में इतने लंबे समय तक कार चलाने पर ये बेल्ट्स खराब होने लगती हैं और इन्हें भी बदला जाता है. 1 लाख किमी. इंजन के रन होने के बाद रेडियेटर के साथ ही इसको भी फ्लश कर साफ किया जाता है. इसके बाद इंजन ऑयल का ग्रेड हैवी किया जाता है जिससे इंजन की लाइफ बढ़े. वहीं इंजन व इसके पार्ट्स के अलावा सस्पेंशन का भी काम किया जाता है और फ्रंट शॉकर्स के साथ ही ऑर्म्स, लिंकेज रॉड व एक्सेल को भी बदला जाता है. वहीं रियर शॉकर्स को भी चेंज किया जाता है. डिस्क व ब्रेक पैड्स को भी बदला जाता है. इतना ज्यादा गाड़ी चलाने के बाद कार की डिस्क में स्कैच आ जाते हैं जिससे ब्रेकिंग परफॉर्मेंस पर असर आता है और ब्रेक पैड्स जल्द खराब होते हैं.
नई जैसी हो जाती है गाड़ी
यदि 1 लाख किमी. पर होने वाली सर्विस समय पर और कंपनी के ऑथोराइज्ड स्टेशन पर चलाई जाए तो आपकी गाड़ी बिल्कुल वैसी ही चलती है जैसी पहले दिन आपने शोरूम से निकलवाने के बाद चलाई होती है. हालांकि इतनी चलाने के बाद गाड़ी को बदलने का समय भी नजदीक होता है क्योंकि कई पार्ट्स ऐसे भी होते हैं जो लगातार खराब होने लगते हैं और इन्हें बार बार ठीक करवाने में आपको बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Auto News, Car Bike NewsFIRST PUBLISHED : November 10, 2022, 07:30 IST