8 अरब पहुंची दुनिया की जनसंख्या विशेषज्ञों ने कहा- भारत के लिए इसे अवसर की तरह देखना चाहिए
8 अरब पहुंची दुनिया की जनसंख्या विशेषज्ञों ने कहा- भारत के लिए इसे अवसर की तरह देखना चाहिए
विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि भारत के 2023 में सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने को दुनिया के लिए संसाधन निर्माता बनने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए.
हाइलाइट्सदुनिया की आबादी ने मंगलवार को आठ अरब के आंकड़े को छू लिया.आठ अरब तक पहुंचने में 17.7 करोड़ लोगों का सर्वाधिक योगदान भारत का है.अनुमान है कि भारत अगले साल तक चीन को जनसंख्या के मामले में पछाड़ सकता है.
नई दिल्ली. विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि भारत के 2023 में सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने को दुनिया के लिए संसाधन निर्माता बनने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए. साथ ही न्याय सुनिश्चित करने व बुजुर्ग आबादी की देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया जाए. दुनिया की आबादी ने मंगलवार को आठ अरब के आंकड़े को छू लिया. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया की जनसंख्या सात अरब से आठ अरब तक पहुंचने में 17.7 करोड़ लोगों का सर्वाधिक योगदान भारत का है, जबकि दूसरे नंबर पर चीन है जिसने इसमें 7.3 करोड़ लोग जोड़े.
अनुमान है कि भारत अगले साल तक चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. ‘पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) ने कहा कि इस मील के पत्थर को एक समस्या के रूप में नहीं बल्कि भारत के लिए बेहतर योजना बनाने और दुनिया भर के लोगों के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए. पीएफआई ने कहा, ‘कुछ वर्ग यह आशंका व्यक्त करते रहे हैं कि अधिक जनसंख्या शासन के लिए एक समस्या होगी. हालांकि, इसे एक अवसर की तरह देखना चाहिए.’
पीएफआई की कार्यकारी निदेशक पूनम मुतरेजा ने कहा, ‘हम जानते हैं कि दुनिया भर में जनसंख्या वृद्धि स्थिर हो रही है. विश्व की जनसंख्या को सात से आठ अरब तक पहुंचने में 12 साल लग गए, वहीं 2037 तक नौ अरब तक पहुंचने में लगभग 15 साल लगेंगे जोकि यह दर्शाता है कि जनसंख्या वृद्धि की गति धीमी हो रही है.’ उन्होंने कहा, ‘अब हमें गर्भनिरोधक की अधूरी आवश्यकता को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि महिलाएं यह तय कर सकें कि उन्हें बच्चे पैदा करने हैं या नहीं और यदि हां, तो कब, कितने और किस अंतराल पर.’
मुतरेजा ने कहा कि जनसंख्या और सीमित संसाधनों के बीच के अनावश्यक द्वंद्व पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘कुशल आबादी एक ताकत है और हमें आबादी को संसाधनों के निर्माता के रूप में देखना चाहिए.’ ‘सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च’ की कार्यकारी निदेशक अखिला शिवदास ने दुनिया की जनसंख्या आठ अरब होने को लेकर कहा कि इससे बहुत अधिक घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन जनसंख्या बढ़ने के कारण होने वाली दिक्कतों जैसे आजीविका संकट और हाशिये पर पड़ी महिलाओं और कमजोर तबकों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Population, World populationFIRST PUBLISHED : November 15, 2022, 22:08 IST