देश का अजूबा CM जिन्होंने सरकारी बंगले में रहने से कर दिया था इनकार
देश का अजूबा CM जिन्होंने सरकारी बंगले में रहने से कर दिया था इनकार
दिल्ली में जहां पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के पुराने सरकारी बंगले को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में संग्राम छिड़ा हुआ है. वहीं, देश में कई ऐसे मुख्यमंत्री भी हुए हैं, जिन्होंने सरकारी बंगले में रहने से इनकार कर दिया था. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...
नई दिल्ली. दिल्ली में सीएम के बंगले को लेकर बवाल बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. बीते छह महीने से दिल्ली में बंगले का मुद्दा गर्माया हुआ है. दिल्ली चुनाव का ऐलान होते ही एक बार फिर से बंगले वाला जिन्न दिल्ली में निकल आया है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच तू तू-मैं मैं रुकने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी जहां अरविंद केजरीवाल पर बंगले के रेनोवेशन में करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप लगा रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बहाने बीजेपी को निशाने पर ले रही है. लेकिन, सीएम बनने के बाद जहां नेता आलीशान बंगले के लिए मारामारी कर रहे हैं. वहीं, देश के कई मुख्यमंत्री ऐसे भी हुए हैं जो सीएम बनने के बाद भी सरकारी बंगले में कभी नहीं रहे. यहां तक मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सरकारी आवास लेना स्वीकार नहीं किया.
हालांकि, देश में कुछ ऐसे भी मुख्यमंत्री हुए हैं, जिनका पहले से ही आलीशान बंगला रहा है और उनको सीएम का आवास छोटा नजर आता था. पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ऐसे मुख्यमंत्री हुए, जो सीएम रहते हुए सरकारी आवास में नहीं रहे. अमरिंदर सिंह अपनी राजनीति के अलावा निजी जिंदगी को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहते थे. अमरिंदर सिंह का पंजाब के पटियाला में आलीशान महल है, जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जाती है. पंजाब के सीएम रहते हुए भी अमरेंद्र सिंह कभी मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में नहीं रहे. हालांकि, उनके मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी आवास सीएम कैंप ऑफिस के रूप में इस्तेमाल होता था. वहीं, देश के कई ऐसे सीएम भी हुए हैं जिन्होंने कभी भी सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं किया.
ऐसा सीएम, जिसने ठुकरा दिया सरकारी बंगला
राजस्थान के पहले सीएम हीरालाल शास्त्री से बढ़कर कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता है, जो मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी सरकारी बंगले में कभी नहीं रहे. हीरालाल शास्त्री ने मुख्यमंत्री रहते हुए भी सिविल लाइन्स के सीएम आवास का इस्तेमाल कभी नहीं किया. शास्त्री जयपुर में चांदपोल बाजार के खेजड़ा स्थित अपने पैतृक घर में रहे. वहीं, राजस्थान के एक और सीएम टीकाराम पालीवाल ने भी मुख्यमंत्री पद रहते हुए कभी भी सरकारी बंगला नहीं लिया. पालीवाल भी जयपुर में न्यू कॉलोनी पांच बत्ती चौराहा पर कालाडेरा के सेठ रामगोपाल सेहरिया के मकान में रहे.
मौजूदा दौर में तीन-तीन बंगले सीएम के पास
बता दें कि देश के कई राज्यों के सीएम आज भी एक नहीं तीन-तीन सरकारी बंगले में रहे रहे हैं. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद भी देश के कई राज्यों में पूर्व सीएम को सरकारी बंगला आज भी मिला हुआ है. यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री की मौत के बाद भी उनके परिवारों को बंगला आज भी मिला है. हाल के वर्षों में मुख्यमंत्रियों को जब सरकारी बंगला अलॉट होता है तो उस बंगले को मनमाफिक तौर पर सजाया जाता है. इस सजावट में लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. लेकिन, देश के कई राज्यों के सीएम ऐसे भी हुए हैं, जिन्होंने सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं किया.
दिल्ली में भी मुख्यमंत्री रहते कई नेता अलग-अलग जगहों पर रहे. हालांकि, सभी को सरकारी आवास अलॉट हुआ था. दिल्ली के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना शामनाथ मार्ग स्थित 33 नंबर बंगले में रहते थे. साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री रहते उसी बंगले में रहे, जहां वह खुराना सरकार में मंत्री के तौर पर रहते थे. वहीं, शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री रहते पहली बार मथुरा रोड स्तिथ एबी-17 नंबर बंगला मिला. इसी बंगले में अभी मौजूदा सीएम आतिशी रह रही हैं. लेकिन, दूसरी बार सीएम बनने के बाद शीला दीक्षित को 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग वाला बंगला मिला. तकरीबन 10 सालों तक शीला दीक्षित इसी बंगले में रहीं. वहीं, अरविंद केजरीवाल ने सीएम बनते ही 6 फ्लैग स्टाफ रोड वाले सरकारी आवास को चुना. तकरीबन 10 सालों तक केजरीवाल भी इसी बंगले में रहे. अब इसी बंगले को लेकर बीजेपी और आप में संग्राम छिड़ा हुआ है.
Tags: Chief Minister, Delhi Elections, Punjab news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 16:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed