क्या है यूलिप जिसे नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत तैयार किया जाएगा कैसे बनाएगा ये माल ढुलाई को आसान
क्या है यूलिप जिसे नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत तैयार किया जाएगा कैसे बनाएगा ये माल ढुलाई को आसान
यूलिप का तात्पर्य यहां यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म्स से है. इस प्लेटफॉर्म पर सात मंत्रालयों को एक साथ लाया जाएगा. यहां से लॉजिस्टिक्स कंपनी को यह पता चल सकेगा कि उनके माल की स्थिति क्या है और वह कहां से कहां तक पहुंचा है.
हाइलाइट्सयूलिप के अंतर्गत 7 मंत्रालयों से 17 डिजिटल सिस्टम्स को इंटीग्रेट किया जाएगा.यूलिप पर लॉजिस्टिक्स कंपनी, आयातक और निर्यातक को उनके माल की जानकारी मिलती रहेगी.17 में से 12 सिस्टम्स को पहले ही यूलिप पर इंटीग्रेट किया जा चुका है.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी लॉन्च की. इस पॉलिसी का मकसद लॉजिस्टिक की लागत को कम करना और उसे सुगम बनाना है. सरकार इस पॉलिसी के तहत यूलिप (ULIP) बना रही है. यूलिप का तात्पर्य यहां यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म्स से है.
इस प्लेटफॉर्म पर सात मंत्रालयों को एक साथ लाया जाएगा. यहां से लॉजिस्टिक्स कंपनी को यह पता चल सकेगा कि उनके माल की स्थिति क्या है और वह कहां से कहां तक पहुंचा है. इस प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाए जाने वाले 7 मंत्रालय इस प्रकार हैं- मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग एंड वाटरवेज, मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी.
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17 डिजिटल सिस्टम होंगे इंटीग्रेट
यूलिप के अंतर्गत 7 मंत्रालयों से 17 डिजिटल सिस्टम्स को इंटीग्रेट (एक ही मंच पर लाना) किया जाएगा. आपको बता दें कि इन 17 में से 12 सिस्टम्स को पहले ही इंटीग्रेट किया जा चुका है. सरकार ने नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन कॉर्पोरेशन को भी यूलिप पर इंटीग्रेट कर दिया है. इसके अलावा फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया व डिजीलॉकर को भी यूलिप से जोड़ने को लेकर चर्चा जारी है.
किसलिए होगा इसका इस्तेमाल
यूलिप का इस्तेमाल इंवेन्ट्री मेनेजमेंट, डिजिटल डॉक्यूमेंट बनाने, माल को ट्रैक व ट्रेस करने, शिकायतों का निपटारा करने, जोखिम आधारित आयात की मंजूरी और माल ढुलाई को देश भर में आसान बनाने के लिए किया जाएगा. यूलिप के परिचालन और इसके रख-रखाव के लिए सरकार थर्ड-पार्टी सेवाएं भी लेगी. यूलिप प्लेटफॉर्म पर लॉजिस्टिक्स कंपनी, आयातक और निर्यातक को उनके माल के मूवमेंट की जानकारी मिलती रहेगी. साथ ही कंपनियों को यहीं पर माल की ढुलाई संबंधी क्लियरेंस भी दी जाएगी.
भारत को लाएगा अग्रणी देशों की श्रेणी में
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का मकसद माल ढुलाई की लागत को जीडीपी के 10 फीसदी से नीचे लाना है. फिलहाल यह 13-14 फीसदी है. अमेरिका, चीन व यूरोप के कई देशों में यह 7-9 फीसदी है. माल ढुलाई भाड़े में कमी आने से आयात-निर्यात बढ़ेगा और इससे अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा. साथ ही ढुलाई भाड़ा कम होने से वस्तुओं के दाम भी कुछ हद तक कम हो सकते हैं.
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Tags: Business, Business news in hindi, Indian economy, Prime Minister Narendra ModiFIRST PUBLISHED : September 18, 2022, 12:14 IST