शिवाजी के वंशज का हाथ थाम सड़क पर उतरे 84 साल के चाणक्य हिल गई सियासत

एनसीपी शरद गुट के प्रमुख शरद पवार और कोल्हापुर के सांसद शाहू महाराज ने हुतात्मा पार्क से गेटवे ऑफ इंडिया तक पैदल मार्च में भाग लिया.

शिवाजी के वंशज का हाथ थाम सड़क पर उतरे 84 साल के चाणक्य हिल गई सियासत
महाराष्ट्र की राजनीति में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना बड़ा मद्दा बन गया है. इसको लेकर सत्ताधारी एनडीए बैकफुट पर है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर माफी मांग चुके हैं. इस बीच विपक्ष इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहता है. महाराष्ट्र की सियासत के सबसे कद्दावर नेता और एनसीपी शरद गुट के प्रमुख शरद पवार इस घटना के विरोध में सड़क पर उतर गए हैं. उन्होंने कोल्हापुर के सांसद और शिवाजी के वंशज शाहूजी महाराज के साथ हुतात्मा पार्क से गेटवे ऑफ इंडिया तक पैदल मार्च में हिस्सा लिया. तबीयत ठीक नहीं होने के बावजूद सांसद साहू महाराज पैदल मार्च में शामिल हुए. पैर में चोट लगने के कारण शरद पवार पट्टी बांधकर नंगे पैर चल रहे थे. शरद पवार और शाहू महाराज का वीडियो एनसीपी शरद चंद्र पवार ग्रुप ने शेयर किया है. मालवण के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के गिरने से राज्य में उनके चाहने वालों के बीच गुस्से की लहर पैदा हो गई है. छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के बाद माविया द्वारा मुंबई में चप्पल मारो आंदोलन चलाया गया. हुतात्मा पार्क से गेटवे ऑफ इंडिया तक पैदल मार्च निकाला गया. इस मामले में भले ही महागठबंधन सरकार ने माफी मांग ली, लेकिन विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाते हुए जोरदार हमला बोला. छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या अवमानाविरोधात, महाराष्ट्राच्या अस्मितेसाठी जेव्हा दोन दिग्गज रस्त्यावर लढण्यासाठी उतरतात…. आदरणीय खासदार श्री. शरद पवार साहेब आणि छत्रपती घराण्याचे वंशज आदरणीय खासदार छत्रपती शाहू महाराज… कारण स्वाभिमानासाठी झुंजायचं कसं हे सह्याद्रीने आम्हाला… pic.twitter.com/S4zooSIplx — Nationalist Congress Party – Sharadchandra Pawar (@NCPspeaks) September 1, 2024

माविया के विरोध प्रदर्शन में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, सांसद सुप्रिया सुले, वर्षा गायकवाड, संजय राउत, आदित्य ठाकरे, भाई जगताप समेत कई अन्य नेता भी मौजूद रहे. गेटवे ऑफ इंडिया पर माविया की सभा हुई. इस बैठक में माविया के नेताओं ने महागठबंधन की सरकार की जमकर आलोचना की.

विधानसभा चुनाव से पहले 84 साल की उम्र में शरद पवार के सड़क पर उतरने से राज्य की राजनीति हिल गई है. राज्य में शरद पवार को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. बीते लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के दोफाड़ हो जाने के बावजूद पवार हार नहीं माने और उन्होंने अपनी पार्टी को एक बार फिर राख से खड़ा कर दिया. लोकसभा में 10 सीटों पर चुनाव लड़कर उन्होंने अपनी पार्टी को आठ सीटों पर जीत दिलाई.

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