देश के इन दो जिलों के गांव होंगे पूरी तरह कचरा मुक्त ये है डेडलाइन
देश के इन दो जिलों के गांव होंगे पूरी तरह कचरा मुक्त ये है डेडलाइन
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस परियोजना के तहत मोगा जिले के प्रत्येक गांव के घरों के गीले और सूखे कचरे को एकत्र कर गांवों में बनने वाले ठोस कचरा प्रबंधन स्थल पर लाया जाएगा और उसको अलग अलग किया जाएगा. रसोई से निकलने वाले गीले कचरे से खाद तैयार की जाएगी. प्लास्टिक और अन्य पुन: उपयोग में आने वाले कचरे को पुनर्नवीनीकरण किया जाएगा.
चंडीगढ़. देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत देश के दो जिलों के गांवों को पूरी तरह कचरा मुक्त बनाने का फैसला किया है. ये दोनों जिले देश के अलग-अलग राज्यों से चुने गए हैं. जिन दो जिलों को कचरा मुक्त बनाया जाएगा इनमें से ठोस और तरल कूड़े को पूरी तरह खत्म किया जाएगा या इसके निस्तारण का स्थाई उपाय किया जाएगा. इन दो जिलो में एक पंजाब का मोगा जिला है जबकि दूसरा जिला ओडिशा राज्य का है.
केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के मोगा जिले का नाम सामने आने पर जिले में तैयारी शुरू करने के लिए डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह की ओर से पंचायत विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके लिए पंचायत विभाग व जल सप्लाई सेनिटेशन विभाग को खाका तैयार करने को कहा है. वहीं प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा किए जाने को लेकर आश्वस्त किया है. भारत सरकार की ओर से 31 मार्च 2023 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस बारे में मोगा के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि ठोस और तरल कूड़ा प्रबंधन परियोजना के तहत जल सप्लाई एवं सेनिटेशन विभाग एवं पंचायती राज विभाग एवं मनरेगा द्वारा संयुक्त रूप से यह कार्य किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले कचरे का प्रबंधन स्वच्छ भारत मिशन के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा, चाहे वह ठोस हो या तरल. इस परियोजना को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी जल सप्लाई एवं सेनिटेशन विभाग को दी गई है जबकि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, पंचायती राज विभाग इसका पूरा खाका तैयार करेगा.
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस परियोजना के तहत मोगा जिले के प्रत्येक गांव के घरों के गीले और सूखे कचरे को एकत्र कर गांवों में बनने वाले ठोस कचरा प्रबंधन स्थल पर लाया जाएगा और उसको अलग अलग किया जाएगा. रसोई से निकलने वाले गीले कचरे से खाद तैयार की जाएगी. प्लास्टिक और अन्य पुन: उपयोग में आने वाले कचरे को पुनर्नवीनीकरण किया जाएगा और खतरनाक श्रेणी में आने वाले अन्य कचरे को नष्ट कर दिया जाएगा. इसी तरह घरों से निकलने वाला तरल कचरा (गंदा पानी) तालाबों में डाला जाएगा. इस पानी को नालियों, नालों और नालों के माध्यम से नहरों और नदियों में गिरने से रोका जा सकेगा.
इसी तरह हर घर को शौचालय की सुविधा से जोड़ना और गांव में सार्वजनिक शौचालय का होना अनिवार्य कर दिया गया है. हर घर को नल और साफ पानी की सुविधा से जोड़ा जाएगा. गांवों में तालाबों की सफाई की जाएगी और बारिश के पानी का समुचित प्रबंधन किया जाएगा. डिप्टी कमिश्नर ने संबंधित विभागों को मोगा जिले के निवासियों को इस परियोजना का पूरा लाभ दिलाने के लिए संबंधित गतिविधियों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए लोगों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना का संचालन और रखरखाव ग्राम पंचायत को करना होगा.
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Tags: Pollution, Punjab news, Swachh Bharat Mission, Swachhta AbhiyaanFIRST PUBLISHED : July 29, 2022, 18:23 IST