महाभारत काल से है इस मंदिर का कनेक्शन अर्जुन की थी इसकी स्थापना

यूपी के महाराजगंज जिले में एक ऐसा मंदिर स्थित है  जिसकी यह मान्यता है कि स्वयं अर्जुन ने इस मंदिर की स्थापना की थी. महाभारत के पांडवों ने इस जगह पर अपना वक्त भी गुजारा था. इस मंदिर को पहले अरदौना देवी मंदिर के नाम से जाना जाता था. हालांकि अब इस मंदिर को लेहड़ा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है.

महाभारत काल से है इस मंदिर का कनेक्शन अर्जुन की थी इसकी स्थापना
महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक प्राचीन मंदिर स्थित है. इस मंदिर को लेहड़ा माता मंदिर और लेहड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखकर इस मंदिर के महत्व को समझा जा सकता है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का संबंध महाभारत के पांच पांडवों से है. सिर्फ महाराजगंज जिले से ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग इस मंदिर में दर्शन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए आते हैं. महाभारत के पांडव को बनाया विजयी लेहड़ा मंदिर के उत्तराधिकारी ओमप्रकाश पांडेय ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है. हालांकि मंदिर 200 वर्ष पुराना है, लेकिन मंदिर में मौजूद पिंड महाभारत के समय से ही मौजूद है. उन्होंने बताया कि महाभारत में भी आद्रवन के नाम से इस जगह का जिक्र है. अज्ञातवास के दौरान पांडव भी यहां आए थे और उन्हें माताजी ने साक्षात दर्शन दिए थे. पांडवों को माताजी ने युद्ध में विजय के लिए वरदान दिया और पांडवों की विजय भी हुई. उन्होंने बताया कि इस मंदिर की बहुत सी अलग-अलग कहानियां हैं. नवरात्रि में होता है श्रद्धालुओं का जनसैलाब मंदिर के उत्तराधिकारी ने बताया कि पहले चैत्र में रामनवमी के दिन बहुत से श्रद्धालु यहां आते थे और मेला का आयोजन भी होता है. वर्तमान समय में पूरे नवरात्रि पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और 9 दिन तक विशाल मेला चलता है. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होती है. मंदिर का परिसर भी बहुत बड़ा है जिससे कोई भी अनुष्ठान सुविधाजनक रूप से संपन्न होता है. Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 14:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed