CJI का छात्र से वादा IIT एडमिशन में करेंगे हर संभव मदद नहीं भर पाया था फीस
CJI का छात्र से वादा IIT एडमिशन में करेंगे हर संभव मदद नहीं भर पाया था फीस
सुप्रीम कोर्ट में इस छात्र ने याचिका लगाई और बताया कि वो JEE क्रैक कर चुका है लेकिन चाह कर भी IIT धनबाद में नंबर आने के बावजूद एडमिशन नहीं ले पाया. सीजेआई ने इस छात्र की पूरी बात सुनी और मदद का भरोसा देते हुए 30 सितंबर को मामले पर सुनवाई का निर्णय लिया.
हाइलाइट्स मुजफ्फरनगर के छात्र का IIT धनबाद में नंबर आ गया था. इस छात्र ने जैसे-तैसे कर्ज लेकर फीस का इंतजाम भी कर लिया था. इसके बावजूद वो एडमिशन नहीं ले पाया। अब CJI ने मदद का भरोसा दिया.
नई दिल्ली. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ के सामने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला आया, जिसमें महज तीन मिनट की देरी के चलते एक गरीब परिवार का बच्चा आईआईटी में एडमिशन पाने से चूक गया. यह देरी भी छात्र की अपनी गलती से नहीं बल्कि सर्वर डाउन होने के कारण हुई. ऐसे में जब वो गुहार लेकर सीजेआई के पास पहुंचा तो उन्होंने छात्र की पूरी बात सुनी और मदद का भरोसा भी दिया. 18 साल का अतुल कुमार आईआईटी धनबाद में चुना गया लेकिन एडमिशन नहीं ले पाया.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के टिटोरा गांव के रहने वाले अतुल ने 9 जून को अपने बड़े भाई के लैपटॉप पर प्रतियोगी परीक्षा में अपना परिणाम देखा था. पिता मेरठ में मजदूरी करते हैं और पार्ट-टाइम टेलर भी हैं. अतुल का दावा है कि 24 जून को शाम 5 बजे तक फीस भरने का आखिरी वक्त था. जैसे-तैसे लोगों से पैसा उधार लेकर वो फीस की रकम जुटाने में तो सफल रहा लेकिन अपनी खराब किस्मत से नहीं जीत पाया. एडमिशन की समय सीमा खत्म होने से ठीक तीन मिनट पहले ऑनलाइन पोर्टल के सर्वर ने जवाब देना बंद कर दिया और वो डाउन हो गया. 17,500 रुपये की फीस जमा नहीं हो सकी, जिसके चलते उसने एडमिशन का मौका खो दिया.
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गांव के लोगों ने की फीस जुटाने में मदद
पिता कहते हैं कि मैं रोटी चाहे आधी खा लूंगा, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाऊंगा. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक गांव में एक राहगीर से जब अतुल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो आईआईटी के लड़कों वाला परिवार? टिटोरा में अतुल की जीत और फिर निराशा और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई उम्मीद की किरण के बारे में हर चाय की दुकान और गांव के चौराहे पर चर्चा होती है. यहां के लोगों ने अतुल की फीस भरने में मदद की थी लेकिन वो किस्मत के आगे हार गया.
सीजेआई की बेंच ने क्या कहा?
सीजेआई की 3 जजों की बेंच ने मंगलवार को 30 सितंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, “याचिकाकर्ता की सामाजिक पृष्ठभूमि और उसके द्वारा झेली गई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, हमारा मानना है कि यह नोटिस जारी करने का एक उचित मामला है, ताकि पता लगाया जा सके कि याचिकाकर्ता के प्रवेश की सुरक्षा के लिए कुछ किया जा सकता है या नहीं.”
Tags: Justice DY Chandrachud, Muzaffarnagar news, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 10:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed