बिहार: देश की आजादी के लिए बलिदान हो गए थे 56 सपूत मगर भुला न दिए जाएं!
बिहार: देश की आजादी के लिए बलिदान हो गए थे 56 सपूत मगर भुला न दिए जाएं!
Bihar News: एक चर्चित शेर है- शहीदों की मजारों पर हर बरस लगेंगे मेले, वतन पर मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा. अंग्रेजों की गुलामी से भारत माता को आजाद कराने के लिये देश के हजारों सपूतों ने अपनी कुर्बानी दी थी. इसमें पूर्णिया के भी 56 शहीदों ने अपना बलिदान देकर देश को स्वतंत्र कराया था.
पूर्णियां. वर्ष 1942 में जब गांधी जी ने भारत छोड़ो आन्दोलन और करो या मरो का नारा दिया था तो पूर्णिया में भी हजारों लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ संग्राम छेड़ दिया था. इस दौरान धमदाहा में 25 अगस्त को हजारों लोगों की भीड़ ने धमदाहा और रुपौली थाना को घेरकर आग लगा दिया था. इस घटना में अंग्रेजों की तरफ से अंधाधुंध गोली चलाई गयी थी. जिसमें धमदाहा में 14 और रुपौली में सात सपूत शहीद हुये थे. आज भी पूर्णिया के टाउन हॉल, धमदाहा और रुपौली में बने शहीद स्मारक में इन शहीदों का नाम लिखा हुआ है. इसके अलावा 1942 में शहीद हुये 13 वर्षीय कुताय साह और ध्रुव कुंन्डू का भी स्मारक बना है. लेकिन, आज ये सभी स्मारक और शहीद स्थल उपेक्षा का शिकार होकर गुमनामी की कगार पर हैं.
पूर्णिया के इन शहीदों के बारे में बताया जाता है कि 9 अगस्त 1942 को पूर्णिया शहर के सिपाही टोला के पास 13 साल के बच्चा कुताय साह के साथ सैकड़ों लोग जब स्वतंत्रता संग्राम में अग्रेजों का विरोध कर रहे थे. उस समय अंग्रेज अधकारी ने कुताय साह को चेतावनी दी. लेकिन, निडर कुताय साह ने अपनी शर्ट का बटन खोलकर अंग्रेजों को ललकारते हुये आगे बढ़ गए और कहा कि चलाओ गोली. तभी अंग्रेज अधिकारी ने उनके सीने में गोली मार दी जिस कारण वह वहीं शहीद हो गए. इसके बाद ध्रुव कुन्डू को भी अंग्रेजों ने गोली मार दी. दोनों शहीदों के शव को मधुबनी महावीर मंदिर के प्रांगण में लाया गया जहां उनके नाम पर ध्रुव कुताय उद्यान बना है. लेकिन यह ऐतिहासिक धरोहर बदहाली और उपेक्षा का शिकार है. सिपाही टोला मे बने कुताय साह स्मारक और बनभाग में बने ध्रुव कुन्डू का स्मारक भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में है.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम वर्मा और रंजन सिंह कहते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम में पूर्णिया के 56 सपूतों ने अपनी कुर्बानी दी थी, लेकिन उन शहीदों का स्मारक आज उपेक्षा का दंश झेल रहा है. स्थानीय लोगों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण आज ये सभी शहीद स्थल गुमनामी के कगार पर है. इसके अलावा बनभाग स्थित ध्रुव कुंडू का स्मारक, सिपाही टोला में 13 वर्षीय शहीद कुताय साह का स्मारक भी आज जीर्ण शीर्ण अवस्था में है. उन्होंने सरकार से इसपर ध्यान देने का आग्रह किया.
इस मामले में नगर आयुक्त आरिफ अहसन ने कहा कि पूर्णिया नगर निगम में जो भी ऐतिहासिक धरोहर स्मारक या शहीद स्थल है उन्हें सजाया संवारा जाएगा. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री के आह्वान पर हर घर में तिरंगा फहराया जाएगा. इसको लेकर भी पूरी तैयारी की गयी है और लोगों को जागरुक किया जा रहा है.
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Tags: 75th Independence Day, Bihar News, Freedom fighters, Freedom Movement, Freedom Struggle, Freedom Struggle Movement, Independence day, Purnia news, Revolutionary Freedom FighterFIRST PUBLISHED : August 10, 2022, 09:42 IST