गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’ की पांडुलिपि को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड सूची’ में शामिल किया गया है. ‘रामचरितमानस’ सहित कुल तीन पांडुलिपियों को वर्ल्ड सूची में शामिल किया गया है.
एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए विश्व की स्मृति समिति (मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड कमिटि फॉर एशिया एंड द पैसिफिक- MOWCAP) की 10वीं बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में भारत से तीन नामांकन यूनेस्को की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय रजिस्टर’ में शामिल हो गए.
मंगोलिया की राजधानी उलानबटार में आयोजित MOWCAP की बैठक में संयुक्त राष्ट्र से 38 प्रतिनिधि और 40 पर्यवेक्षकों ने शिरकत की. इस बैठक में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र -आईजीएनसीए के डीन और कला निधि प्रभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र गौड़ ने भारत की ओर से तीन प्रविष्ठियों को प्रस्तुत किया. इनमें सहृदयलोक-लोचन की पांडुलिपि (भारतीय काव्यशास्त्र का महत्वपूर्ण पाठ), पञ्चतन्त्र की पांडुलिपि और तुलसीदास के रामचरितमानस की चित्रित पांडुलिपि शामिल थी.
रजिस्टर उप-समिति द्वारा विस्तृत चर्चा और सिफारिशों के बाद तथा सदस्य देशों के प्रतिनिधियों द्वारा वोटिंग के बाद तीनों नामांकन सफलतापूर्वक शामिल हो गए. ‘रामचरितमानस’, ‘पञ्चतन्त्र’ और ‘सहृदयलोक-लोचन’ ऐसी कालजयी कृतियां हैं, जिन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है, राष्ट्र के नैतिक ताने-बाने और कलात्मक अभिव्यक्तियों को आकार दिया है. इन साहित्यिक कृतियों ने समय और स्थान का अतिक्रमण कर भारत और उसके बाहर भी पाठकों और कलाकारों की पीढ़ियों पर एक अमिट छाप छोड़ी है.
गौरतलब है कि ‘सहृदयालोक-लोचन’ की रचना 9वीं शताब्दी में आचार्य आनंदवर्धन ने की थी, जबकि ‘पञ्चतन्त्र’ की रचना पं. विष्णु शर्मा ने की थी.
रमेश चंद्र गौड़ ने कहा कि इन पांडुलिपियों का समावेश भारत के लिए गौरव का क्षण है, जो देश की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है. यह वैश्विक सांस्कृतिक संरक्षण प्रयासों में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है. इन उत्कृष्ट कृतियों का सम्मान करके, हम न केवल उनके रचनाकारों की रचनात्मक प्रतिभा को श्रद्धांजलि देते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि उनकी गहन बुद्धिमता और सार्वकालिक शिक्षाएं भावी पीढ़ियों को प्रेरित और प्रबुद्ध करती रहें.
Tags: Books, Literature, Tulsidas jayantiFIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 18:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed