उत्तर प्रदेश : योगी सरकार आपदा मैनेजमेंट को लेकर अलर्ट मोड में तैयारी को और ज्यादा चाक चौबंद रखने की योजना

UP Govt on dissater management:यूपी में आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. मगर अब उत्तर प्रदेश में किसी भी आपदा की स्थिति में जरूरी सेवाएं ठप नहीं होंगी. अब उत्तर प्रदेश में किसी भी आपदा की स्थिति में जरूरी सेवाएं ठप नहीं होंगी. राज्य सरकार आपदा की इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए राज्य आपदा मोचक निधि और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि की शुरुआत करने जा रही है.

उत्तर प्रदेश : योगी सरकार आपदा मैनेजमेंट को लेकर अलर्ट मोड में तैयारी को और ज्यादा चाक चौबंद रखने की योजना
ममता त्रिपाठी नई दिल्ली: देश या प्रदेश में किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष या मुख्यमंत्री राहत कोष से सरकारें पैसा जारी करती हैं जिसके चलते कई बार जरूरी सेवाएं भी ठप हो जाती हैं. मगर अब उत्तर प्रदेश में किसी भी आपदा की स्थिति में जरूरी सेवाएं ठप नहीं होंगी. सभी विभागों के पास अपने इंतजाम होंगे. राज्य सरकार आपदा की इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए राज्य आपदा मोचक निधि और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि की शुरुआत करने जा रही है. प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने इस बाबत निर्देश देते हुए सभी विभागाध्यक्षों को ताकीद किया है कि किसी भी आपदा के सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए हर विभाग अपने अपने यहां परियोजना बनाएं. किसी भी आपदा से जान माल का तो नुकसान होता ही है साथ ही प्रदेश के विकास और इसकी अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है. लेकिन कुशल आपदा प्रबंधन के जरिए इसके होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. सभी विभागों में आपदा प्रबंधन के लिए तैयार होने वाली परियोजनाओं की फंडिग राजस्व विभाग द्वारा की जाएगी. इंसानी जीवन पर आपदा का कम से कम असर हो आपको बता दें कि आपदा प्रबंधन के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने सेंडाई फ्रेमवर्क फॉर एक्शन-2030 बनाया है जिस पर भारत ने भी साइन किया है. इसमें उन तौर तरीकों का जिक्र किया गया है जिसके इस्तेमाल से किसी भी आपदा का कम से कम असर इंसानी जीवन पर हो और आपदा की स्थिति में किस तरह से बचाव करना चाहिए. इसमें आपदा न्यूनीकरण के लिए सात लक्ष्य और चार प्राथमिकताओं के बारे में बात की गई है. इतनी विशाल आबादी वाले देश भारत में खासतौर से इन सभी बातों का खयाल रखने की बात की गई है ताकि आपदा के बाद के जो नुकसान हैं उनको कम किया जा सके. जिन चार प्राथमिकताओं का जिक्र एक्शन प्लान में है वो है: -आपदा जोखिम को समझना -शासकीय प्रबंधन और व्यवस्थाओं को और बेहतर करना ताकि आपदा वाली जगह पर राहत पहुंचने में देरी या सरकारी तंत्र में देरी की वजह से जनधन का नुकसान कम हो -आपदा जोखिम को न्यूनतम रखना साथ ही इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं देखना -प्रभावी कार्रवाई के लिए हर वक्त अलर्ट मोड में रहना और आपदा तैयारी को और ज्यादा चाक चौबंद रखना सेंडाई फ्रेमवर्क फॉर एक्शन-2030 में जो सात लक्ष्य रखे गए हैं वो है: -वर्ष 2030 तक आपदाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम करना -प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या में कमी लाना -आपदा से होने वाली प्रत्यक्ष आर्थिक हानि को कम करना -आधारभूत सेवाओं को ठप होने से बचाना और क्षति को कम करना -आपदा जोखिम को कम करने के लिए स्थायी रणनीति बनाना -इसको लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आपसी समन्वय को बढ़ावा देना -आपदा पूर्व चेतावनी और सूचना सभी तक पहुंचाने के लिए एक समुचित सेंट्रल सिस्टम को विकसित करना मुख्य सचिव ने सभी विभागों को भेजे गए आदेश में कहा है कि हर विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर वक्त मुस्तैद रहे, अधिकारियों और कर्मचारियों की बाकायदा ट्रेनिंग हो ताकि ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर राज्य सरकार उसका सामना कर सके और जान-माल का नुकसान कम से कम हो. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: UP, Yogi adityanath, उत्तर प्रदेशFIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 18:03 IST