आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष CBI ने कराया था पॉलीग्राफ टेस्ट

Sandeep Ghosh News: संदीप घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में काम किया. उन्हें उस वर्ष अक्टूबर में मेडिकल कॉलेज से ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन एक महीने के भीतर ही वह उस पद पर वापस आ गए थे.

आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष CBI ने कराया था पॉलीग्राफ टेस्ट
कोलकाता. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. राज्य स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव देबल कुमार घोष द्वारा दर्ज कराई गई लिखित शिकायत के आधार पर सीबीआई ने बीते 26 अगस्त को संदीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) धारा 420 (धोखाधड़ी) के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा सात लगाई है, जो एक लोक सेवक द्वारा अवैध रूप से रिश्वत स्वीकार करने से संबंधित है. सीबीआई द्वारा कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच अपने हाथ में लेने के बाद शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. नौ अगस्त को एक महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. यह आदेश आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर जारी किया गया, जिन्होंने संस्थान में कथित वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने का अनुरोध किया था. अली ने हाईकोर्ट का रुख किया था, क्योंकि इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या संस्थान में कथित भ्रष्टाचार का संबंध महिला डॉक्टर की मौत से जुड़ा है, और क्या पीड़िता को इसकी जानकारी थी एवं इससे मामले के उजागर होने का खतरा था. अली ने यह भी आरोप लगाया था कि एक वर्ष पहले राज्य सतर्कता आयोग और एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने घोष के खिलाफ दर्ज कराई गई उनकी शिकायतों का कोई खास नतीजा नहीं निकला और इसके बजाय उन्हें संस्थान से स्थानांतरित कर दिया गया. हाईकोर्ट के सामने अपनी याचिका में अली ने घोष पर लावारिस शवों की अवैध बिक्री, जैव-चिकित्सा अपशिष्ट की तस्करी तथा दवा और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दिए गए कमीशन पर निविदाएं जारी करने का आरोप लगाया था. अली ने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों पर परीक्षा पास करने के लिए पांच से आठ लाख रुपये तक की रकम देने का दबाव बनाया गया था. महिला डॉक्टर की हत्या वाले दिन तक वह अस्पताल में कार्यरत थे. सीबीआई ने बलात्कार तथा हत्या की जांच के सिलसिले में संदीप घोष का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ भी कराया था. Tags: CBI Probe, Kolkata Police, Mamata banerjeeFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 20:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed