तो इसलिए यूपी में हार गई BJP आ गई बड़ी रिपोर्ट आरक्षण से लेकर पेपर लीक

रिपोर्ट के मुताबिक सभी क्षेत्रों में बीजेपी के वोट शेयरिंग में गिरावट दर्ज की गई है. वोट शेयर में करीब 8 फ़ीसदी की गिरावट हुई है. ब्रज, पश्चिम, कानपुर-बुंदेलखंड, अवध, काशी, गोरखपुर क्षेत्र में 2019 के मुकाबले सीटें कम हुईं हैं.

तो इसलिए यूपी में हार गई BJP आ गई बड़ी रिपोर्ट आरक्षण से लेकर पेपर लीक
हाइलाइट्स कुल 15 पेज की रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें हार के 12 कारण बताए गए हैं. वोट शेयर में करीब 8 फ़ीसदी की गिरावट हुई है. लखनऊः लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की हुई हार को लेकर पार्टी ने अंदरुनी समीक्षा की है. सूत्रों के मुताबिक जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें हार के कारणों का जिक्र किया गया है. पार्टी के नेताओं द्वारा संविधान के बदलने और पेपर लीक का मुद्दा अहम कारण बना है. कुल 15 पेज की रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें हार के 12 कारण बताए गए हैं. समीक्षा के लिए 40 हजार कार्यकर्ताओं से बात की गई है. एक लोकसभा क्षेत्र में करीब 500 कार्यकर्ताओं से बात हुई है. इस समीक्षा रिपोर्ट को पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक सभी क्षेत्रों में बीजेपी के वोट शेयरिंग में गिरावट दर्ज की गई है. वोट शेयर में करीब 8 फ़ीसदी की गिरावट हुई है. ब्रज , पश्चिम , कानपुर-बुंदेलखंड , अवध , काशी , गोरखपुर क्षेत्र में  2019 के मुकाबले सीटें कम हुईं हैं. सपा को पीडीए के वोट मिले. इसके अलावा गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव एससी का वोट सपा के पक्ष में बढ़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक संविधान संशोधन के बयानों ने पिछड़ी जाति को बीजेपी से दूर किया. हार के कारण 1-  संविधान संशोधन को लेकर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी। विपक्ष का “आरक्षण हटा देंगे” का नैरेटिव बना देना, 2- प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक का मुद्दा. 3-  सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों की भर्ती और आउटसोर्सिंग का मुद्दा. 4- बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जिलो में सरकारी अधिकारियों को लेकर असंतोष की भावना. 5- जिले लेवल पर आपसी लड़ाई का जिक्र जिसमें विधायक , प्रत्याशी और जिलाध्यक्ष के भी नाम शामिल. 6- बीएलओ द्वारा बड़ी संख्या में मतदाता सूची से नाम हटाए गए. 7- टिकट वितरण में जल्दबाजी की गई जिसके कारण भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हुआ. 8-  थाने और तहसीलों को लेकर काम न होने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी. 9- सवर्ण मतदाता कुछ लोकसभा में भाजपा से दूर चले गए. 10- पिछड़ों में कुर्मी , कुशवाहा , शाक्य का भी झुकाव बीजेपी की तरफ नहीं रहा. 11- अनुसूचित जातियों में पासी व वाल्मीकि मतदाता का झुकाव सपा- कांग्रेस की ओर चला गया। 12- बसपा के प्रत्याशियों ने मुस्लिम व अन्य के वोट नहीं काटे बल्कि जहां बीजेपी समर्थक वर्गों के प्रत्याशी उतारे गए वहां वोट काटने में सफल रहे. Tags: UP BJPFIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 13:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed