प्लेन में बैठे थे सुप्रीम कोर्ट के 2 जज लोग खटखटाने लगे टॉयलेट का गेट फिर

सुप्रीम कोर्ट के दो जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन को कोएंबटूर से दिल्ली आ रही फ्लाइट पर सवार हुए. उन्हें जरा भी एहसास नहीं था कि इस फ्लाइट में उन्हें इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ेगा. दोनों जजों ने सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान खुद इस पूरी घटना के बारे में बताया.

प्लेन में बैठे थे सुप्रीम कोर्ट के 2 जज लोग खटखटाने लगे टॉयलेट का गेट फिर
सुप्रीम कोर्ट के दो जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन 15 सितंबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर से रात की एक फ्लाइट में सवार हुए. ये दोनों अपने एक साथी जज के बेटे की शादी से लौट रहे थे. रविवार की रात थी और दोनों जजों के पास अगली सुबह सुनवाई के लिए केसों की लंबी फेहरिस्त थी. उन्होंने अलग-अलग बैठने और फ्लाइट के तीन घंटे का इस्तेमाल अपने आईपैड पर सुनवाई की तैयारी के लिए करने का फैसला किया. फ्लाइट में चढ़ते वक्त ये एक आम फ्लाइट की तरह ही लग रही थी, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. जस्टिस विश्वनाथन ने फ्लाइट में हंगामा करने वाले यात्रियों से निपटने के लिए सख्त दिशानिर्देश की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कल दो नशे में धुत यात्रियों के कारण फ्लाइट में हुए अपने बुरे अनुभव के बारे में बताया. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये जज फ्लाइट में आगे की लाइन में बैठे थे. फ्लाइट को कोयंबटूर से उड़े लगभग आधे घंटे हुए थे तभी कुछ लोगों ने शिकायत करना शुरू कर दिया कि एक पुरुष यात्री लगभग आधे घंटे से टॉयलेट में है और दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं दे रहा है. इसी दौरान टॉयलेट की तरफ जाते वक्त एक दूसरे पुरुष यात्री ने एयर सिकनेस बैग में उल्टी कर दी. इस नजारे ने दोनों सीनियर जजों सहित सभी यात्रियों को परेशान कर दिया. फ्लाइट के क्रू ने बार-बार टॉयलेट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. उनके पास मास्टर की थी, लेकिन वे दरवाजा नहीं खोलना चाहते थे क्योंकि वे पुरुष यात्री की हालत से अनजान थे. आखिरकार, उन्होंने दूसरे यात्रियों से दरवाजा खोलने का अनुरोध किया. जब एक यात्री ने दरवाजा खोला तो पुरुष यात्री नशे में धुत सोया हुआ पाया गया. उसे वॉशरूम से बाहर निकालने में मदद की गई और वापस उसकी सीट पर लाया गया. जजों को पता चला कि वॉशरूम के पास उल्टी करने वाला दूसरा यात्री भी नशे में था. यह महज संयोग रहा कि एअर इंडिया की एक फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर दूसरे यात्री द्वारा पेशाब करने की घटना के बाद हंगामा करने वाले यात्रियों से निपटने के लिए एक एसओपी की मांग करने वाली याचिका ऐसे जजों के सामने आई, जिन्होंने खुद अनुभव किया है कि इस तरह की हरकतें दूसरे यात्रियों को कैसे असुविधा पहुंचाती हैं. सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए ‘कुछ रचनात्मक’ किया जाना चाहिए. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने इस केस को आठ सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है और केंद्र के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने संबंधित अधिकारियों को वैश्विक प्रथाओं के अनुरूप हंगामा करने वाले यात्रियों के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों की जांच और संशोधन करने का निर्देश देने को कहा. Tags: Airport Security, Special Project, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 27, 2024, 18:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed