ऐसे तो BMC का किला नहीं बचा पाएंगे उद्धव! NCP-कांग्रेस संग मीटिंग से निकला संदेश
ऐसे तो BMC का किला नहीं बचा पाएंगे उद्धव! NCP-कांग्रेस संग मीटिंग से निकला संदेश
सरकार गिरने के बाद एमवीए की पहली बैठक में पूर्व सीएम और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने हिस्सा लिया. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे इस बैठक में शामिल होने के लिए विधानसभा भवन पहुंचे थे.
हाइलाइट्ससरकार गिरने के बाद एमवीए की पहली बैठक में उद्धव ठाकरे ने हिस्सा लियास्थानीय निकाय चुनावों पर कोई भी फैसला इलाकों से मिले इनपुट के आधार परएमवीए का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे या नहीं, इन अटकलों पर भी काफी हद तक विराम लगा
मुंबई. महाराष्ट्र में अपनी सरकार गिरने के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की पहली बैठक में तीनों सहयोगी पार्टियों ने मंगलवार को कथित तौर पर ये फैसला किया कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव एक साथ लड़ेंगी. जबकि स्थानीय निकाय चुनावों को साथ लड़ने पर कोई सहमति नहीं बन सकी. बैठक में पूर्व सीएम और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने हिस्सा लिया. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे इस बैठक में शामिल होने के लिए विधानसभा भवन पहुंचे थे.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि हालांकि स्थानीय निकाय चुनावों पर कोई भी फैसला इलाकों से मिले इनपुट के आधार पर लिया जाएगा. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सबसे महत्वपूर्ण माने जानी वाली स्थानीय संस्था बीएमसी का भी चुनाव हाल ही में होने वाला है. बीएमसी पर लंबे समय से शिवसेना का दबदबा रहा है. फिलहाल राज्य की सत्ता से उद्धव ठाकरे को बेदखल करने वाली बीजेपी और उसके सहयोगी एकनाथ शिंदे की निगाह बीएमसी पर से शिवसेना के वर्चस्व को खत्म करने पर लगी है. ऐसे में अगर महा विकास अघाड़ी के सभी दल बीएमसी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारते हैं तो शिवसेना को झटका लग सकता है. अगर बीएमसी से शिवसेना का कब्जा खत्म हो गया तो उसका आर्थिक आधार काफी हद तक कमजोर हो सकता है.
उद्धव ठाकरे ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि ‘हम तीनों दलों ने कोविड -19 जैसी महामारी से लड़ाई लड़ी, जिसने दुनिया को अपने घुटनों पर ला दिया था. यह बाधा (शिंदे-फडणवीस सरकार) उसकी तुलना में बहुत छोटी है. हम इससे उबरेंगे और हम एक साथ खड़े होकर देश को एक संदेश देंगे.’
बैठक राज्य विधानमंडल की तीसरी मंजिल पर शिवसेना विधायक दल के कार्यालय में हुई. बैठक की जगह को न केवल एमवीए में शिवसेना की लीडरशिप को कायम रखने पर बल देने के लिए चुना गया था, बल्कि विद्रोही एकनाथ शिंदे खेमे को यह संदेश देने के लिए भी किया गया था कि ठाकरे गुट ही आधिकारिक शिवसेना है. ठाकरे के अलावा बैठक में एनसीपी के अजीत पवार, जयंत पाटिल और दिलीप वालसे पाटिल, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट, पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के रईस शेख सहित एमवीए के सभी वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले कहा कि एमवीए एकजुट है और हम आज की बैठक के माध्यम से यह संदेश देना चाहते थे. जबकि शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि विधायकों और नेतृत्व के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए बैठक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. बैठक में शामिल हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा कि यह संदेश देना भी जरूरी है कि वे अब भी साथ हैं और रहेंगे. उन्होंने कहा कि ‘हमें पूरा भरोसा है कि अगर विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ लड़े गए तो जीत हमारी होगी.’
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राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बैठक में आम सहमति थी कि एमवीए को स्थानीय निकायों को छोड़कर सभी चुनाव एक साथ लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘जो हुआ उसे लोगों ने पसंद नहीं किया. मौजूदा दिशाहीन सरकार जिस तरह से काम कर रही है, हमारे पास जीतने का बेहतर मौका होगा.’ गठबंधन में शिवसेना को कनिष्ठ सहयोगी बनाया जाएगा या एमवीए का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे या नहीं, इन अटकलों पर भी काफी हद तक विराम लगा दिया गया. शिवसेना प्रमुख के नेतृत्व को कायम रखा जाएगा, इसके लिए उनको प्रतीकात्मक रूप से बीच में कुर्सी दी गई थी.
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Tags: Maha Vikas Aghadi, MVAFIRST PUBLISHED : August 24, 2022, 08:49 IST