बरेली संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियों पर विद्यार्थी कर रहे शोध जानें खासियत

Bareilly Museum: महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में बने पांचाल संग्रहालय में हजारों साल पुरानी इतिहास की कलाकृतियों को रखा गया है. जहां इन मूर्तियों पर विद्यार्थी रिसर्च कर रहे हैं.

बरेली संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियों पर विद्यार्थी कर रहे शोध जानें खासियत
विकल्प कुदेशीया/बरेली: उत्तर प्रदेश की नाथ नगरी बरेली में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बना हुआ है. रुहेलखंड मंडल का पहला पांचाल संग्रहालय इस विश्वविद्यालय में है. इस संग्रहालय में नाथ नगरी बरेली का पूरा इतिहास छात्र एवं छात्राओं के लिए विस्तार पूर्वक समझाया जाता है. जहां हजारों साल पुरानी इतिहास की कलाकृतियों को सेज कर रखा गया है. यहां पर प्राचीन कालीन भगवान शिव की मूर्तियों के साथ ही साथ सिक्के, बर्तन, खुदाई के दौरान निकले हुए पुरानी कंकालों के अवशेष को संभाल कर रखा गया है. जिस पर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं आकर शोध करते हैं. विभाग के प्रबंधक प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल ने बताया कि यह पांचाल संग्रहालय बरेली में इतिहास को जिंदा रखने के लिए जाना जाता है. महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पहला रुहेलखंड मंडल का संग्रहालय बना हुआ है. जो की इतिहास की कितनी पुरानी यादों को अपने अंदर समेटे हुए है. जानें पांचाल संग्रहालय की कब हुई शुरूआत महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पांचाल संग्रहालय की शुरुआत 1985 में हुई थी. उस समय के प्रोफेसर अजय अरोड़ा ने इस पांचाल संग्रहालय की शुरुआत की थी. उनके साथ मिलकर सभी लोगों ने 1985 से लगातार अब तक कई प्राचीन मूर्तियां, बर्तन और सिक्के ढूंढ कर इकट्ठा किए हैं. शुरुआत में यह पांचाल संग्रहालय एक छोटे से हाल के रूप में था, लेकिन धीरे-धीरे जैसे-जैसे इसमें कलाकृतियां बढ़ती गई. वैसे-वैसे पांचाल संग्रहालय को एक बड़े पांचाल संग्रहालय के रूप में स्थापित कर दिया गया. इस पांचाल संग्रहालय को देखने के लिए दूर-दूर से छात्र एवं छात्राएं यहां पर आते हैं. और इतिहास की पुरानी चीजों पर अध्ययन और शोध भी करते हैं. छात्र-छात्राएं करते हैं रिसर्च जहां पांचाल संग्रहालय एवं संस्कृति विभाग के प्रबंधक प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल ने बताया कि साल 2004 से स्थापित इस म्यूजियम में करीब 2 से 3 हजार साल पुरानी ऐतिहासिक मूर्तियां, पांडुलिपि, मिट्टी व धातु के बर्तन, कपड़े, शस्त्र, मुद्रा प्रयोगशाला आदि दुर्लभ सामग्री सुरक्षित रखी गई है. प्राचीन इतिहास, संस्कृत एवं एमए के छात्र एवं छात्राएं यहां आकर भगवान शिव की प्राचीन मूर्तियों, सिक्कों पर रिसर्च करते हैं. इस रिसर्च के माध्यम से छात्र एवं छात्राएं पता करते हैं कि यह सिक्के किस समय के बने और किन धातुओं से बने हैं. इसके साथ-साथ यहां पर रखे सामान की रिसर्च कई वैज्ञानिक भी कर चुके हैं. विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बताया महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय में बने इस पांचाल संग्रहालय में उन्हें रिसर्च करने को मिलता है. यह उनके आने वाले भविष्य के लिए बहुत कामगार साबित होगा. साथ ही इन चीजो से उन्हें इतिहास के बारे में भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है. बरेली का पांचाल संग्रहालय इतिहास के कई पन्ने को अपने अंदर समेटे हुए है. Tags: Bareilly hindi news, Bareilly news, Local18, Raebareli latest news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 10:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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