घर में बच्‍चे हों या बूढ़े जरूर सिखाएं ये 4 चीजें बच जाएंगी जिंदगियां

World First aid day 2024: घर में फर्स्‍ट एड किट हो या फर्स्‍ट एड स्किल्‍स, अक्‍सर इन्‍हें उपयोग करने का जिम्‍मा युवा या व्‍यस्‍क लोगों के पास होता है, लेकिन डॉक्‍टरों की मानें तो बच्‍चों और बुजुर्गो को फर्स्‍ट एड की बेसिक 4 चीजें जरूर सिखाई जानी चाहिए, ताकि वे भी किसी की जान बचा सकें.

घर में बच्‍चे हों या बूढ़े जरूर सिखाएं ये 4 चीजें बच जाएंगी जिंदगियां
आपात स्थिति में सही समय पर दी गई पहली सहायता (फर्स्‍ट एड) किसी की जान बचा सकती है. यह एक हुनर है जो सिर्फ घर के व्‍यस्‍कों को ही नहीं बल्कि बच्‍चे और बूढ़े सभी को आना चाहिए. अगर आपने अभी तक उन्‍हें फर्स्‍ट एड देने को लेकर ट्रेंड नहीं किया है या आपको लगता है कि उन्‍हें क्‍या जरूरत है तो आप गलती कर रहे हैं. देश के किसी भी डॉक्‍टर की यही सलाह है कि फर्स्‍ट एड को लेकर ये 4 चीजें उन्‍हें जरूर सिखा दें ताकि बचाई जा सकने वाली जिंदगियों को वे भी मौत के मुंह से वापस ला सकें. किसी भी दुर्घटना या बीमारी में डॉक्‍टरी इलाज से पहले जो ट्रीटमेंट दिया जाता है वह फर्स्ट एड कहलाता है. डॉक्‍टर तक पहुंचने से पहले दिया जाने वाला यह ट्रीटमेंट कई बार वरदान साबित होता है. फर्स्‍ट एड को लेकर जरूर सिखाएं ये 4 चीजें यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी के सीनियर कंसल्‍टेंट डॉ. एपी सिंह का कहना है कि सही जानकारी और तत्‍काल फैसला लेकर आपात स्थिति में बिना घबराए सबसे पहले यह देखें कि व्यक्ति को किस प्रकार की मदद की जरूरत है. अगर व्यक्ति बेहोश है तो तुरंत एम्बुलेंस बुलाएं और उसे होश आने तक सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देना शुरू कर दें. कोशिश करें कि आपके घर में जितने भी सदस्‍य हैं, फिर चाहे वे बच्‍चे हैं या बूढ़े हैं, वे इन चार इमरजेंसी फर्स्‍ट एड के बारे में अच्‍छी तरह ट्रेंड हों. ये भी पढ़ें  क्या 18 साल के बाद भी बढ़ सकती है हाइट? एक्‍सपर्ट ने बताई 3 चीज, लंबाई का सपना होगा पूरा 1. रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होने पर- बच्‍चों और बड़ों को जरूर सिखाएं कि अगर व्यक्ति को घाव हुआ है और खून बह रहा है, तो उसे सबसे पहले साफ कपड़े या पट्टी से कसकर बांधें. घाव को ऊंचाई पर रखें ताकि रक्तस्राव कम हो और फिर अस्‍पताल लेकर जाएं. 2. जलने की स्थिति में क्या करें-किसी के जल जाने पर उस हिस्से को ठंडे पानी में 10-15 मिनट के लिए रखें. जलने वाली जगह पर बर्फ या टूथपेस्ट लगाने की गलती न करें. जलने वाली जगह पर कुछ देर तक ठंडा दूध भी डाल सकते हैं, इससे फफोले या निशान नहीं बनते हैं और जलन में भी राहत मिलती है. 3. हड्डी टूटने पर- अगर कोई गिर जाए या फिसल जाए और आपको लगे कि व्यक्ति या बच्‍चे की हड्डी टूटी है, तो उसे हिलाने या दबाने की कोशिश न करें. ऐसी स्थिति में पेन किलर स्‍प्रे अगर है तो उसे छिड़ककर सीधे डॉक्टर के पास जाएं और तब तक उस अंग को स्थिर रखने की कोशिश करें. 4. सीपीआर दें- सीपीआर देना घर के हर व्‍यक्ति को आना चाहिए. यहां तक कि आपके घर के बच्‍चों को भी सीपीआर देना जरूर सिखाएं. उन्‍हें सिखाएं कि अगर कोई व्‍यक्ति अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा है, उसकी नब्‍ज या धड़कन नहीं आ रही है और शरीर का कोई अंग भी नहीं हिल डुल रहा है तो इसका मतलब है कि उसे हार्ट अटैक आया है, ऐसे में तुरंत सीपीआर दें. दोनों हथेली के दवाब से उसके सीने के बीचोंबीच जोर-जोर से दबाएं. ऐसा तब तक करते रहें जब तक होश न आ जाए या मरीज अस्‍पताल न पहुंच जाए. फर्स्ट एड किट कैसे बनाएं किसी भी खाली डब्बे को अच्छे तरह से साफ कर लें. उसके ऊपरी हिस्से पर लाल टेप या रंग से क्रॉस का निशान लगा लें ताकि इमरजेंसी में बॉक्स को पहचानने में किसी तरह की कोई समस्या न हो. इसके बाद कुछ जरूरी चीजें जैसे बैंड एड, पट्टी, एंटीसेप्टिक क्रीम, बुखार और सिर दर्द की दवाई, डायरिया की दवाई, पेन रिलीफ स्प्रे, गरम पट्टी, बरनॉल, एंटी एसिड, डिटॉल और एंटी बैक्टीरियल जैसी क्रीम रखें. यह आप अपने बच्चों के साथ भी बना सकते हैं, जिससे उनमें इसके बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ेगी और वे इस बारे में सीख भी सकेंगे. उन्‍हें साथ ही साथ इनके उपयोग के बारे में बताते चलें. ज्‍यादा स्‍पष्‍टता के लिए आप दवाओं पर स्‍टीकर लगाकर उनके उपयोग के बारे में भी लिख सकते हैं, ताकि देखते ही समझ आ जाए कि यह किस चीज की दवा है. बच्‍चे से लेकर बड़ों को हो फर्स्‍ट एड की जानकारी डॉ एपी सिंह कहते हैं कि फर्स्‍ट एड की जानकारी घर में मौजूद हर सदस्‍य को होनी चाहिए, क्योंकि आपातकाल में इसका सही उपयोग किसी को भी मौत के मुंह से वापस ला सकता है. सीपीआर या ब्लीडिंग रोकने जैसे बेसिक स्किल्स हर किसी को आने चाहिए. साथ ही, घबराहट में गलत कदम न उठाएं. फर्स्‍ट देने के तुरंत बाद हमेशा डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. डॉक्टर से परामर्श क्यों है जरूरी? आपात स्थिति में फर्स्‍ट एड देने के बाद हमेशा विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए. कई बार फर्स्‍ट एड के बाद भी स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए सही इलाज और परामर्श के लिए फौरन नजदीकी अस्पताल में जाएं. ये भी पढ़ें  केजरीवाल सरकार के इन 3 बड़े अस्‍पतालोंं का हाल खराब, बिना दवा लिए लौट रहे मरीज, जाने से पहले कर लें पता Tags: Child Care, Health News, Lifestyle, Trending newsFIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 11:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed