संजीवनी से कम नहीं यह पौधा खून की कमी दर्द-अल्सर समेत कई रोगों में रामबाण

महुआ के फूल से जहां शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, तो वहीं यह शारीरिक दर्द, बुखार ,पेट का अल्सर, ब्रोंकाइटिस ,दांत का दर्द जैसी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है.

संजीवनी से कम नहीं यह पौधा खून की कमी दर्द-अल्सर समेत कई रोगों में रामबाण
सौरभ वर्मा/रायबरेली: महुआ जिसे इंडियन बटर ट्री के नाम से जाना जाता है. इसका नाम सुनते ही लोग अक्सर मादक पदार्थों के रूप में प्रयोग किए जाने वाले फल के रूप में ही जानते हैं. लेकिन आयुर्वेद में इसके फूल ,फल, बीज, छाल को शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है. क्योंकि इसमें मौजूद एंटी एक्सीडेंट गुण हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाने में कारगर होते हैं. वहीं आयुर्वेद में इसे एक औषधीय फल माना गया है, तो आइए आयुर्वेदाचार्य से जानते हैं यह फल हमारे लिए कितना फायदेमंद होता है. आयुर्वेद के क्षेत्र में लगभग 22 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली के कस्बा शिवगढ़ (गूढ़ा) स्थित अखिल आयुर्वेद केंद्र के आयुर्वेदाचार्य अखिलेश कुमार पटेल बताते हैं कि महुआ एक औषधीय वृक्ष है. इस पेड़ की पत्तियां मार्च महीने के तीसरे सप्ताह में गिरनी शुरू हो जाती हैं. इसके बाद पेड़ पर सफेद रंग के फूल आने शुरू हो जाते हैं. वह बताते हैं कि इस पेड़ की छाल, फल, फूल औषधि है. इसके फूलों से कई प्रकार के व्यंजन लड्डू, हलवा, जैम, बिस्किट, सब्जी बनाकर प्रयोग में लिया जाता है. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और कार्बाेहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. महिलाओं के लिए है अमृत आयुर्वेदाचार्य अखिलेश कुमार बताते हैं कि इसका फल महिलाओं के लिए अमृत के समान है. जिन महिलाओं में एनीमिया की दिक्कत है. वह महुआ का सेवन अनिवार्य रूप से कर सकती हैं. साथ ही ब्रेस्ट मिल्क के कमी से जूझ रही महिलाओं को भी महुआ का सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है. परंतु इसका सेवन करते समय उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि एक उचित मात्रा में ही इसका सेवन करें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है. इन रोगों के लिए है औषधि महुआ के फूल से जहां शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, तो वहीं यह शारीरिक दर्द, बुखार ,पेट का अल्सर, ब्रोंकाइटिस ,दांत का दर्द जैसी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. साथ ही इसका तेल गठिया बाई, घुटनों में दर्द, नसों की कमजोरी को दूर करने में कारगर होता है. ऐसे करें सेवन लोकल 18 से बात करते हुए आयुर्वेदाचार्य अखिलेश कुमार पटेल बताते हैं कि जिन महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क की कमी है. वह सुबह शाम दो बार ढाई से 5 ग्राम तक की मात्रा में दूध के साथ सीधे तौर पर या फिर खाने वाले व्यंजन बनाकर यानी की खीर हलवा बनाकर 10 से 25 ग्राम तक की मात्रा 20 से 25 दिन तक सेवन करें. इससे उन्हें लाभ मिलेगा. कितनी ही कहानियां हैं हमारे आसपास, हमारे गांव में-हमारे शहर में. किसी की सफलता की कहानी, किसी के गिरने की और उसके उठने की कहानी, किसान की कहानी, शहर की किसी परंपरा या किसी मंदिर की कहानी, रोजगार देने वाले की कहानी, किसी का सहारा बनने वाले की कहानी…इन कहानियों को दुनिया के सामने लाना, यही तो है लोकल-18. इसलिए आप भी हमसे जुड़ें. हमें बताएं अपने आसपास की कहानी. हमें वॉट्सऐप करें हमारे नंबर पर, 08700866366. . Tags: Health benefit, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 10:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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