गर्भवती गाय और भैंस का दूध पीना कितना सही जानें इसके फायदे और नुकसान!
गर्भवती गाय और भैंस का दूध पीना कितना सही जानें इसके फायदे और नुकसान!
डॉ. एस.डी द्विवेदी के अनुसार, "गर्भवती गाय और भैंस का दूध निकाला जा सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया को समझदारी से करना जरूरी है. गर्भावस्था के दौरान, इन पशुओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो दूध की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं.
बलिया: अगर पालतू पशुओं की बात की जाए तो गाय और भैंस सबसे अव्वल माने जाते हैं. यही कारण है कि ग्रामीण अंचलों में गाय-भैंस पालने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है. इसका मुख्य कारण इससे मिलने वाला दूध है. यह हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन जब गाय-भैंस गर्भवती होती हैं, तो उनसे दूध निकालने को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं. क्या गर्भवती गाय और भैंस का दूध निकाला जा सकता है? क्या यह दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है या नुकसानदायक? पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. एस.डी द्विवेदी ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है.
राजकीय पशु चिकित्सालय नगर बलिया के उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एस.डी द्विवेदी के अनुसार, “गर्भवती गाय और भैंस का दूध निकाला जा सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया को समझदारी से करना जरूरी है. गर्भावस्था के दौरान, इन पशुओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो दूध की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं.
गर्भवती गाय-भैंस के दूध के फायदे
डॉ. एस.डी द्विवेदी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान गाय और भैंस का दूध विटामिन, मिनरल्स, और प्रोटीन से भरपूर होता है. यह दूध उच्च गुणवत्ता वाला होता है और इसमें आवश्यक फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. गर्भवती गाय और भैंस का दूध एंटीबॉडीज से भरपूर होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है. इसे पीने से बच्चों और वयस्कों दोनों की इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है.
पशु की सेहत पड़ेगा असर
डॉ. एस.डी द्विवेदी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान पशु के दूध में हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जो कुछ लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है. विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह हार्मोनल दूध स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है. गर्भावस्था के दौरान पशु का शरीर अपने शारीरिक विकास और बच्चे के लिए पोषण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है. इस वजह से दूध की मात्रा कम हो सकती है, और अगर ज्यादा दूध निकाला जाता है, तो इससे पशु की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. गर्भवती पशु के लिए उसके गर्भस्थ शिशु को पोषण देना प्राथमिकता होती है. अगर इस समय अधिक दूध निकाला जाता है, तो यह शिशु के विकास और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है.
सीमित मात्रा में ही दूध निकालना सही
डॉ. एस.डी द्विवेदी ने बताया कि अधिक दूध निकालने से पशु के शरीर पर दबाव बढ़ सकता है, इसलिए सीमित मात्रा में ही दूध निकाला जा सकता है. गर्भवती पशु को विशेष पोषक आहार दिया जाना चाहिए, जिससे उसके शरीर को आवश्यक पोषण मिले और दूध की गुणवत्ता बरकरार रहे. दूध निकालने से पहले पशु चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि दूध निकालने से पशु और उसके शिशु को कोई नुकसान न हो.
नोट : गर्भावस्था के दौरान पशु को संतुलित आहार दें और दूध का सेवन उबाल करके करें तो नुकसानदायक नहीं होगा.
Tags: Ballia news, Health News, Life18, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 16:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed