गन्ने की कटाई के बाद पत्तियों से करें ये काम बन जाएगा खाद और कीटनाशक

डॉ. श्री प्रकाश यादव ने बताया कि शाहजहांपुर की मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन लगातार कम हो रहा है. ऐसे गन्ने की कटाई के बाद पत्तियों को अगर खेत में ही निस्तारित किया जाता है तो मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में इजाफा होगा. जिससे मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी.

गन्ने की कटाई के बाद पत्तियों से करें ये काम बन जाएगा खाद और कीटनाशक
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : इन दिनों गन्ने की फसल की कटाई हो चुकी है. ऐसे में गन्ने की बची हुई पत्तियों का अगर खेत में ही निस्तारित किया जाए तो मृदा स्वास्थ्य में सुधार होगा. पताई का खेत में निस्तारण होने से ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ती है. वहीं पत्तियों को खेत में जलाने से मित्र कीट मर जाते हैं. जिसका सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ता है. उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के डॉ. श्री प्रकाश यादव ने बताया कि गन्ने की पत्तियों को लाइनों में सेट करने के बाद पानी चला दें. पानी इतना चलाएं की पत्तियां डूब जाए. उसके बाद 4 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से ऑर्गेनो डीकंपोजर, 2 क्विंटल गोबर की सड़ी खाद में मिलाकर गन्ने की पत्तियों के ऊपर डाल दें. 30 से 35 दिन के बाद गन्ने की पत्तियां सड़ कर खाद में तब्दील हो जाएगी. ऐसा करने से गन्ने में फुटाव अच्छा होगा. निकलने वाले कल्ले मजबूत होंगे. गन्ने की पत्तियों से खरपतवार नियंत्रण डॉ. श्री प्रकाश यादव ने बताया कि गन्ने की पताई का खेत निस्तारण कर खरपतवार नियंत्रण भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गन्ने की कटाई के बाद पत्तियों को गन्ने की दो लाइनों के बीच में इक्कठा कर उसकी मल्चिंग कर दें. जिससे सड़कर उसकी खाद तैयार हो जाएगी और गन्ने में खरपतवार भी नहीं उगेंगे. खेत में पत्तियों के निस्तारण से फायदे डॉ. श्री प्रकाश यादव ने बताया कि शाहजहांपुर की मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन लगातार कम हो रहा है. ऐसे गन्ने की कटाई के बाद पत्तियों को अगर खेत में ही निस्तारित किया जाता है तो मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में इजाफा होगा. जिससे मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी. इसके अलावा किसानों को अधिक उत्पादन भी मिलेगा. . Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 19:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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